Story no 1

reality koi v lrki ko kisi b baat ka desion bhut soch samjhker lena chahiye nhi to baad me pachtana prta hai jo married ho husband se talak ke baad vo pachtane ke siva kuch nhi bachta last me koi kaam nhi deta or vo vesyavirti me uthar jati hai puri life ese nhi kaat skti

पति को संभोग सुख दो तो वो तुम्हे दुनिया के सारे सुख देगा अपनी सहेलियों मां और चाची से ये बात हमेशा सुनती आरही थी लेकिन असल में कमी कुछ और थी 35 साल की उम्र में मेरा विवाह हुआ ये काफी लेट समय था और जिससे मेरी शादी हुई उसकी उम्र 37 साल थी पहले लोग शादी जल्दी करने पर जोर देते थे, लेकिन आज लोग पहले करियर बनाने के पीछे भागते हैं कम उम्र में हुई शादी आप को आपके पार्टनर और परिवार से घुलने मिलने में ज्यादा आसान होती है लेकिन देर में हुई शादी में लोग इतने ज्यादा जटिल हो जातें हैं की वह अपने आप को नए माहौल में ढाल नही पाते 35 की उम्र में शादी होने से वैसे हो शरीर में कामवासना खत्म हो जाती है रही सही कसर 37 साल के पुरुष के अंदर भी नही बचती बचती है तो एक बात वो है साथ, जब मेरी शादी हुई तो मुझे पता था जिस व्यक्ति से मेरी शादी हो रही है वो काफी कम कमाता है, पर 35 साल की उम्र होने पर मेरी मां को भी काफी चिंता होने लगे थी क्यों की मेरे पापा की मृत्यु समय से पहले हो गई थी मैने घर वालों से बात की तो लोगो ने बोला शादी करो नही उम्र निकल जाएगी सहेलियों से बोला तो उन्होंने बोला रात को बिस्तर पर पति को खुश रखो वो खुद मेहनत कर के ज्यादा पैसे कमाएगा सबकी बातों को ध्यान में रख कर मैने शादी कर ली, लेकिन शादी के बाद पत्नी के साथ साथ एक पुरुष की जिंदगी में एक और चीज आती है जिसे हम जिम्मेदारी के नाम से जानते हैं जिनसे मेरी शादी हुई थी वो इस बात को जानते थे की मैं शादी से खुश नहीं हूं क्यों की मेरी आय कम है शादी के पहली रात उन्होंने मुझसे कहा, देखो मेरी आय कम है उम्र ज्यादा है इसका मतलब ये नही है की हम दोनों साथ में खुश नहीं रह सकते मैं तुम्हे सभी संसाधन तो नही दे सकता लेकिन इतने जरूर दे सकता हूं की हमारी जिंदगी अच्छे से चले और उस रात खाली यही बात हुई, ऐसे ही करते करते 20 से 22 दिन बीत गए पर हम दोनो के बीच पति पत्नी वाला रिश्ता बना ही नही शायद उन्हें मन में मलाल था की वो कमाते हैं फिर सहेलियों से बात हुई सबने फिर वही बात कही, खुश करो और वो खुद तुम्हारी जरूरतें पूरी करेगा महीने के अंत में उन्हें वेतन मिला 25000 रुपए, जिसमे से 5000 रुपए वो भविष्य केलिए रख कर 20000 मुझे दिया और बोला मेरी जरूरतें काफी सीमित है, ये पैसे तुम रखो। अगर मुझे जरूर हुई तो ले लूंगा तुम अपने हिसाब से घर देख लो पर जब मैंने हिसाब लगाना शुरू किया तो पैसे कम पड़े जब मैने इनसे इस बारे में डिस्कस किया तो वो बोले थोड़ी दिक्कत हो सकती है लेकिन मैं दूसरी नौकरी के लिए ट्राय कर रहा हूं ऐसे ही करते करते शादी को 6 महीने हो गए और हमारा झगड़ा हुआ, मैं बोलती और पैसे कमाओ वो बोलते जो हैं उसमे एडजेस्ट करने की कोशिश करो बात इतनी बढ़ गई की मैं अपने मायके आ गईं और मन बना लिया की अब इसके साथ नही जाना उन्हें ने कई बार मुझे बुलाया मेरे घर आए लेने थक हार कर मैने भी बोल दिया जिस दिन आप अच्छा कमाने लगेंगे उस दिन आजाना लेने आप तो अभी पूरी तरह से मेरा खर्चा भी उठा नही पाते ये बात उन्हें बहुत बुरी लगी, क्यों की गुस्से की वजह से मेरा बोलने का लहजा भी खराब था लेकिन इस बार उस इंसान के गिरबान को चोट पहुंची थी , वो वापस तो गया लेकिन कभी लौट के नही आया बल्कि उन्होंने अपने वेकील से फोन कर के बोला की अगर तुम मुझसे अलग होना चाहती हो तो हो सकती हो जिसे जान कर मेरा गुस्सा और भड़क गया मुझे लगा को जो इंसान मेरा खर्चा नही उठा सकता वो मुझे छोड़ने की धमकी दे रहा है, मैने भी बोल दिया नही रहना है, हमारी हियरिंग हुई जज ने पूछा, तो उन्होंने स्पष्ट बोला, को sir meri तनख्वाह कम है, जिससे इन्हे आपत्ति है और मैं इन्हे खुश नहीं रख पा रहा हूं कई जजों ने मुझे समझाया लेकिन मैने किसी किन्नाही सुनी और कुछ समय बाद मेरा तलाक हो गया तलाक के 6 महीने मैं घर पर थी लेकिन उसके बाद एक नौकरी की, अब मेरी उम्र 36 साल हो gahi थी नौकरी पर आने पर पता चला की कितना महंत का काम है और ये भी पता चला डिवोर्क्सी लड़की के आगे पीछे सब घूमते हैं, और कुछ तो इतने दुष्ट होते की सामने से ऑफर देते मेरी पहली tankhwa 15000 की अब समाज में आने लगा था की नौकरी करना कितना कठिन है अब जिस 15000 के लिए मुझे 10 से 6 काम करना पड़ता था, लोगो को हरासमेंट का सामना करना पड़ता था पहले वो सब मुझे घर बैठे 20000 मिलता लेकिन अब काम करने के बाद 15000 मिल रहा है लेकिन आज उसी शक्श की नौकरी में तनखवा 86000 रुपए है मैने ये गलती की रिश्ते को पैसे के पैरा मीटर के पर तोलने लगी थी लेकिन है सही नही था यदि प्यार से समझती तोहमारा जीवन भी आगे अच्छा चलता आज के दौर में लड़किया किसी लड़के से शादी करने से पहले ये जानना चाहती हैं की लड़का कितना कमा रहा लेकिन असल में किसी से शादी करने से पहले ये जानना जरूरी है की उसका चरित्र कैसा हैं एक अच्छा रिश्ता पैसे की दम पर नही चलता है। मुझे ये बात तब समझ आए जब मैंने अपना रिश्ता खो दिया किसी अमीर से 4 बात सुनने से बेहतर है की किसी कम आय वाले के साथ शादी कर के साथ खुश रहने में आनंद है ये एक सत्य घटना है आप बताइए आप के हिसाब से क्या होना चजाइए

Story no 2

kucha karj kavi nhi utar skte

विवाह के दो वर्ष हुए थे जब सुहानी गर्भवती होने पर अपने घर पंजाब जा रही थी ... पति शहर से बाहर थे ........ जिस रिश्ते के भाई को स्टेशन से ट्रेन मे बिठाने को कहा था वो लेट होती ट्रेन की वजह से रुकने में मूड में नहीं था इसीलिए समान सहित प्लेटफॉर्म पर बनी बेंच पर बिठा कर चला गया .... गाड़ी को पांचवे प्लेटफार्म पर आना था ... गर्भवती सुहानी को सातवाँ माह चल रहा था. सामान अधिक होने से एक कुली से बात कर ली.... बेहद दुबला पतला बुजुर्ग...पेट पालने की विवशता उसकी आँखों में थी ...एक याचना के साथ सामान उठाने को आतुर .... सुहानी ने उसे पंद्रह रुपये में तय कर लिया और टेक लगा कर बैठ गई.... तकरीबन डेढ़ घंटे बाद गाडी आने की घोषणा हुई ...लेकिन वो बुजुर्ग कुली कहीं नहीं दिखा ... कोई दूसरा कुली भी खाली नज़र नही आ रहा था..... ट्रेन छूटने पर वापस घर जाना भी संभव नही था ... रात के साढ़े बारह बज चुके थे .. सुहानी का मन घबराने लगा ... तभी वो बुजुर्ग दूर से भाग कर आता हुआ दिखाई दिया .... बोला चिंता न करो बिटिया हम चढ़ा देंगे गाडी में ...भागने से उसकी साँस फूल रही थी ..उसने लपक कर सामान उठाया ...और आने का इशारा किया सीढ़ी चढ़ कर पुल से पार जाना था कयोकि अचानक ट्रेन ने प्लेटफार्म चेंज करा था जो अब नौ नम्बर पर आ रही थी वो साँस फूलने से धीरे धीरे चल रहा था और सुहानी भी तेज चलने हालत में न थी गाडी ने सीटी दे दी भाग कर अपना स्लीपर कोच का डब्बा ढूंढा .... डिब्बा प्लेटफार्म खत्म होने के बाद इंजिन के पास था। वहां प्लेटफार्म की लाईट भी नहीं थी और वहां से चढ़ना भी बहुत मुश्किल था .... सुहानी पलटकर उसे आते हुए देख ट्रेन मे चढ़ गई... तुरंत ट्रेन रेंगने लगी ...कुली अभी दौड़ ही रहा था ... हिम्मत करके उसने एक एक सामान रेलगाड़ी के पायदान के पास रख दिया । अब आगे बिलकुल अन्धेरा था .. जब तक सुहानी ने हडबडाये कांपते हाथों से दस का और पांच का का नोट निकाला ... तब तक कुली की हथेली दूर हो चुकी थी... उसकी दौड़ने की रफ़्तार तेज हुई .. मगर साथ ही ट्रेन की रफ़्तार भी .... वो बेबसी से उसकी दूर होती खाली हथेली देखती रही ... और फिर उसका हाथ जोड़ना नमस्ते और आशीर्वाद की मुद्रा में .... उसकी गरीबी ... उसका पेट .... उसकी मेहनत ... उसका सहयोग ... सब एक साथ सुहानी की आँखों में कौंध गए .. उस घटना के बाद सुहानी डिलीवरी के बाद दुबारा स्टेशन पर उस बुजुर्ग कुली को खोजती रही मगर वो कभी दुबारा नही मिला ... आज वो जगह जगह दान आदि करती है मगर आज तक कोई भी दान वो कर्जा नहीं उतार पाया उस रात उस बुजुर्ग की कर्मठ हथेली ने किया था ... सच है कुछ कर्ज कभी नही उतारे जा सकते......!!

Story number 3 live in relationship ke fayda or nukshan

प्यार में सब जायज है, सेक्स, प्रेम एक दूसरे के बदन को नोचना, दुनिया की परवाह ना करना मैं भी नही करती थी और मेरे मन भी तड़प उठी हुई थी साथ रहने की, जब मन किया जिस्म की आग एक दूसरे के स्पर्श से बुझा लेने की हां मैं उसके साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगी थी जानते हैं क्यों? क्योंकि मैंने देखा, सुना कि देश के सारे पढ़े लिखे बुद्धिजीवी, अभिनेता, साहित्यकार आदि लिव इन को ही जीवन जीने का आधुनिक और बढ़िया तरीका बताते हैं। मेरी मां इस अवैध रिश्ते का विरोध करती थी, क्योंकि लड़का दूसरे सम्प्रदाय का था। पर मुझे माँ की बातें फालतू और दकियानूसी लगती थीं। क्यों? क्योंकि देश के पढ़े लिखे लोग कहते तो हैं- जाति/धर्म तो बकवास बातें हैं। विवाह के लिए जाति धर्म नहीं, दिल मिलना जरूरी होता है। उसका दिल मिल गया था, सो मैं उसी के साथ रहने लगी थी। पिछले दिनों मां ने पुलिस केस किया था। पुलिस ने जब लड़के को पकड़ा, तो मैं उसके बचाव में खड़ी हो गयी। बताने लगी कि मेरी माँ ही अत्याचारी है, वही मुझे मारती-पीटती रहती है। इसी कारण मैं माँ को छोड़ कर अपने बाबू-सोना के साथ रहती हूं पुलिस क्या करती? छोड़ना पड़ा। हाँ तो अब बात यह है कि एक दिन लड़के का मन भर गया। नकली समान चार दिन नहीं टिकता, तो नकली प्यार कितना टिकेगा? मन भर गया तो प्रेम मारपीट में बदल गया। बेल्टे-बेल्ट! लगभग रोज ही... एक दिन लड़के ने मुझे को खूब मारा। हाथ पैर बांध कर मारा... पूरे शरीर पर दाग हो गए तो दागों पर नमक छिड़क कर मारा... मिर्च पाउडर छिड़क छिड़क कर... यही वह प्रेम था जिसके लिए मैने ने मां को छोड़ा था। अभी रुकिये। जब घाव पर मिर्च पाउडर पड़ता तो मैं चीख पड़ती थी। बताइये! कितनी बुरी बात है? कोई बेचारा प्रेम दिखा रहा है और मैं चीख रही हूं उसे गुस्सा नहीं आएगा? उसे गुस्सा आया। उसने मेरे होठों पर फेवीक्विक लगा दिया। होठ ही चिपक गए। अब चीखो... आवाजे नहीं निकलेगी ससुर! टेंशने खतम... वाह! मोहब्बत जिन्दाबाद... खैर! मैं हॉस्पिटल में हूं, और मेरे जख्मों पर मरहम वही बूढ़ी माँ लगा रही है, जिसे मैंने पुलिस के सामने बुरा बताया था। क्या करे, माँ है न। लड़का जेल में है। जानते हैं पुलिस ने जब लड़के को पकड़ा तब वह क्या कर रहा था? वह शराब की तस्करी कर रहा था। 93 हजार की अवैध शराब के साथ पकड़ा गया हीरो। इस पूरी कहानी में मेन विलेन कौन है जानते हैं? क्या वह लड़का? नहीं जी। वह तो प्यादा है। वह वही कर रहा था जो उसे सिखाया गया था। अब जेल में सड़ेगा कुछ दिन, फिर निकल कर कहीं मजूरी करेगा। बुरी वह लड़की भी नहीं। सिनेमा के नशे में डूबी उस मूर्ख को कभी लगा ही नहीं कि वह जाल में फँस गयी है। उसे विलेन क्या कहेंगे। विलेन हैं वे धूर्त, जो खुद को बुद्धिजीवी बताते हुए लिविंग रिलेशनशिप को जायज ठहराते हैं, जो इसके लिए माहौल बनाते हैं। विलेन हैं वे नीच, ऐसी घटनाओं की बार-बार, हजार बार चर्चा होनी चाहिये, ताकि यह देश की अंतिम लड़की तक पहुँचे। ऐसी घटनाओं की कोई खबर दिखे तो उसे हजार जगह शेयर कीजिये। यही एकमात्र उपाय है, यही एकमात्र विकल्प है।

story 4 coprate shadi se kya fayda or kya nushan hai

शादी संभोग तक सिमट कर रह गई है, मर्द अपनी गर्मी औरत के शरीर से निकालना चाहता है, औरत अपनी चाहत मर्द के आलिंगन से यही से जन्म होता है कॉर्पोरेट शादी का, जी हां आप लोगो को लग रहा होगा कि कॉरपोरेट जॉब होती थी, लेकिन समय तेज़ी से आगे बढ़ गया है l, अब समय है कॉर्पोरेट शादी का मैं बंगलोर में बतौर मैरेज काउंसलर काम करता हूं, मेरा काम लोगो की शादी करवाना है, जिसके लिए बड़ी कंपनी जैसे शादी जीवनसाथी मुझे हाइयर करती हैं लेकिन आज समय इतना तेज़ी से बदल रहा है, की इसके। सामने मनुष्य जाति का सबसे पवित्र बंधन शादी का बंधन भी छोटा लगने लगा है, और इसकी वजह से जन्म होता है कॉर्पोरेट शादी की इस शादी में लड़के और लड़की की प्रोफाइल बनाई जाती है शादी वाले apps पर, पहले जहां शादी करते वक्त परिवार और लड़के का चरित्र। वो जिम्मेदार है या नही ये देखा जाता था आज लड़के के बारे में देखा जाता है, की वो कमाता कितना है, किस कंपनी में कितना शेयर है, पत्नी को क्लब जाने देगा या नहीं l, पत्नी के अगर लड़के दोस्त हुए तो कोई आपत्ति नही होनी चाहिए लड़के की पढ़ाई किसी बड़े iit ya iim जैसे कॉलेज से होनी चाहिए, लड़का स्टैंडअलोन होना चाहैये उसके मां बाप साथ में ना। हो और लड़की ऐसी देखी जाती है जो दिखने में सुंदर हो या ना हो उसका फिगर एकदम अच्छा होना चाहिए, ना पतली हो ना मोटी हो, स्तन शरीर के हिसाब से थोड़े बड़े हो, नितंब चौड़े हो इसके बाद बारी आती है, पढ़ाई की इंडिया के किसी अच्छे कॉलेज से पढ़ी हो, प्राइवेट जॉब हो लेकिन कंपनी अच्छी हो पति की महिला कलीग से कोई आपत्ति ना हो दहेज दे या ना दे पर सेक्स करने से किसी तरह का परहेज नहीं होना चाहिए ये बातें मनगढ़ंत नहीं है बल्कि मेरे पास शादी के लिए आए 500 से अधिक लोगो के कॉमन प्रश्न हैं ये जब लड़के और लड़की की मीटिंग होती है, उसके बाद वो फोन पर बात करते हैं तो पहला सवाल दोनो तरफ से होता है की उन्हें संभोग करना कितना पसंद है, मानो जैसे शादी की बात नही बल्कि किसी वैश्य से डील चल रही हो आज मेरे क्लाइंट दिल्ली बैंगलोर गुड़गांव में हैं और अंदर ही अंदर ये खेल चल रहा है, और लोगो की शादी भी होती है, लेकिन ये शादी हर तरह के मर्यादा के परे होती है, और कुछ साल में जब ऐसे लोगो का संभोग से मन भर जाता है तो इनकी शादी सिर्फ नाम मात्र की रहती हैं हम ऐसे समाज में हैं जहां किसी भी ऑप्शन की कोई कमी नहीं है लेकिन आज भी मैं अपने अनुभव से कह सकता हूं सबसे ज्यादा सफल शादी वही होती है जो मां बाप द्वारा लड़के और लड़की को ढूंढ के की जाती है या फिर वो प्रेम विवाह जो कम से कम 5 साल पुराना हो माता पिता द्वारा कराई शादी में परिवार और सभ्यता सब देखी जाती है लेकिन कॉर्पोरेट शादी में सिर्फ कमाई और लड़की का फिगर देखा जाता है मां बाप द्वारा कराई शादी में परिवार का एक अदृश्य दबाव होता है, जिसमे किसी की गलती होने पर परिवार के सदस्य शादी को बचाने का प्रयास करते हैं और पति पत्नी भी संकोच में अपने रिश्तों को सुधारने का प्रयास करते हैं और समय ठीक होने पर रिश्ता भी ठीक हो जाता है Lekin corporate शादी में आप आजाद हैं थोड़ी सी भी कमी होने पर आप अपनी पत्नी या पति को छोड़ते नही है बल्कि बाहर मुंह मारने निकल पड़ते हैं और यही कारण है की दिल्ली मुंबई बैंगलोर में काम करने वाले ज्यादातर शादी शुदा लोगो के गैर मर्द और महिला के साथ संबद्ध बढ़ रहे हैं आज की युवा पीढ़ी वो लड़की हो या लड़का सिर्फ इस बात पे ध्यान दें की शादी करते समय लड़के लड़की का चरित्र कैसा है जिमेदारी उठा सकता है, और उसके अंदर वफादारी कितनी है एक अच्छे शादी वाले जीवन के लिए। ये 3 बिंदु प्रयाप्त है लेकिन अगर आप कॉरपोरेट शादी के चक्कर में पड़ रहे तो याद रखिए कुछ साल तो संभोग का खूब आनद आएगा लेकिन उसके बाद मन में अकेलापन महसूस होगा और मन से आप किसी को अपना न ही बोल पाएंगे

story 5 jayda age me shadi krne ka nukshan

जब मेरी शादी हुई तो, मजे के लिए दिन रात प्यार करती थी अपने पति से, हमेशा मन करता की उन्ही के साथ लिपटी रहूं, उन्हें अपने बगल में देख मैं खुद के ऊपर से कंट्रोल खो देती थी लेकिन जैसे ही 1 2 हफ्ता बीता, जो भी हमारे सामने आता एक ही बात करता, अब जल्दी से बच्चा देदो, दूधो नहाओ पूतो फलो, ये बात सुन सुन कर ऐसा लग रहा था मानो की लोगो ने हमारी शादी सिर्फ इसी लिए कराई है की उन्हें एक बच्चे की जरूरत है पर मैं और मेरे पति पढ़े लिखे थे, हमे पता है बच्चे को जिम्मेदारी एक बड़ी जिम्मेदारी है, इस लिए हम दोनों ने पहले ही सोच लिया था की पहले 2 साल तो अपनी शादी का फेस एंजॉय करेंगे उसके बाद बच्चे के बारे में सोचा जाएगा मेरे पति काफी रोमांटिक मूड के हैं, और मैं उनसे भी 4 गुना ज्यादा रोमांटिक हूं तो दोनो का मूड बनाते देर नही लगती थी, कई बार तो ऐसा हुआ की मूड बन गया है लेकिन हमारे पास प्रोटेक्शन नही होता था, लेकिन गर्म जोशी में हमने बिना किसी प्रोटेक्शन के सब कर लिया सुबह होती तो इस बात की चिंता सताने लगती की अब क्या होगा कल रात तो बिना प्रोटेक्शन के सब हो गया गर्भ निरोधक गोली खा ली मैंने, लेकिन हम क्रिस भी कीमत पर बच्चे के लिए तैयार नहीं थे मेरी 3 सहेलियां थी, 3 के बच्चे शादी के डेढ़ साल के भीतर हो गए थे, लेकिन हमे पता था, की ज्यादा समय तक गर्भनिरोधक दवाई जैसे i pill लेना ठीक नही है, डॉक्टर को दिखाया, तो उन्होंने प्रतिदिन खाने वाली एक दवा दे दी और बोला जब भी बच्चा करना हो इस 23 दिन पहले ओस दावा को बंद कर देना हम पूरे 2 साल इस दावा का सेवन किए और अपनी शादी शुदा जिंदगी को एंजॉय किया अब 2 साल बाद जब बच्चा पैदा करने की स्थिति आई तो हम लोगो ने बहुत ट्राई किया पर मैं गर्भ से नही हो पाए जब डॉक्टर को दिखाया तो पता चला मेरी नली सुख चुकी है इस वजह से मैं अभी बच्चा कंसीव नही कर पाऊंगी 1 साल इलाज के बाद मेरी रिपोर्ट आती है, और मैं स्वास्थ्य रहती हूं लेकिन लेकिन फिर भी बच्चा नहीं होने पर इस बार पति की भी जांच होती है, उसकी रिपोर्ट में निकला की अत्याधिक संबंध बनाने से वीर्य की क्वालिटी खराब है, फिर दुबारा उनके इलाज में 1 साल का समय चला गया कुल मिलाकर जब हमारी उम्र थी बच्चा पैदा करने की तो पढ़े लिखे हीरो हीरोइन को देख कर हमने फैसला लिया लेकिन अब जरूरत है तो हर कोशश के बाद भी मैं मां नही बन पा रही हूं आज मुझे समझ में आ रहा है की चंद किताब पढ़ लेने से वो ज्ञान कभी नहीं मिल सकता जो ज्ञान आप को तजुर्बा देता है बड़े बुजुर्ग की बात मानकर अगर मैने पहले ही बच्चा किया होता तो आज मुझे ये दिन देखना नही पड़ता इस लिए हर चीज अपने समय से होना sbse jyada महत्त्वपूर्ण है

story no 7 koi b male female ko kaise apne payar ke jaal me fasata hai or fir dhokha deta hai

मर्द की आंखे सबसे बड़े शिकारी में से एक होता है! शेर चीता और बाज तो एक कहावत है! मर्द अपनी आंखो से, शिकार को एक झटके में घायल करते है! और इनकी शिकार होती है _ खूबसूरत महिला!!💞 पहले ये खूबसूरत महिला को तलाशते है। फिर नज़रे मिलाते है, उसके खूबसूरत अंग को अपनी आंखो से निहारते और अपनी आंखो को सेकते है! तीसरी आंख उसके बॉम फिगर पर होती है, चौथी आंख उसके उभारों पर डालते है, पांचवी आंख कमर पर, फिर आंखो से ही वो महिलाओ के अंदर की सारी जानकारी लेते है, और अपनी आंखो से ही महिलाओ का बलात्कार कर लेते हैं। मर्द की आंखे सबसे बड़े शिकारी होते है । गलती से महिला की नजर पुरुष पर पर जाए, तो पुरुष इतना सीधा सरल और मासूम बन कर मुस्कुराते है, की बेचारी महिला समझ ना पाती है और धोका खा जाती है । यही से सुरु होता है बातचीत का शिलशिला।💞 पुरुष अपनी तरफ से महिलाओ को भरोसा दिलाने का कोई कसर नहीं छोड़ता है। तब होता है फोन नंबर का आदान प्रदान। 📱 🤳 नादान औरत क्या जाने_ वो आंख टिकाए बैठे है! महिला बातो में कैसे आएगी_ वो बात बनाए बैठे है !! आज हमारे देश में ना जाने कितने कपड़े उतार दिए जाते है, ये बोलकर, कि शादी मैं तुमसे ही करूंगा। बस एक बार तुम मुझपर भरोसा तो करो जानू। मना मत करो। और एक दिन ये महिला भरोसे में सबकुछ गंवा बैठती है। उसे मिलता है तो सिर्फ धोका धोखा, और धोखा। पुरुष फिर से अपने शिकार पर निकल पड़ते है, वो कभी ये नही सोचते उन धोखा खाई महिला का क्या होगा। तंग आकर, रोकर चिल्लाकर, टूटकर, वो धोखा खाई महिला एक दिन विस्फोटक बारूद की तरह बहुत ही खतरनाक बन जाती है। और समाज के लोगो द्वारा उसे नाम दिया जाता है__ वैश्य, धोखेबाज, दगाबाज, और न जाने क्या? क्या? फिर एक दिन वो महिला अपने साथ कितने पुरुष, कितने घरों को, कितने बच्चे और कितने महिलाओ को बर्बाद कर देती है। सिर्फ खुद को मिले धोखे की वजह से। तो बताईए एक महिला को गलत बनने पर मजबूर किया किसने? अरे मर्दों, शिकार करना छोड़ो। अपनी आंखों को सेकना छोड़ो। सबको अपनी मां बहन की तरह समझो। सादी तो एक दिन होनी ही है। अपनी पत्नी को प्यार दो, उनकी इज्जत को समझो, दूसरी को छोड़ो। पुरुष बड़ी सफाई देते है और निकल जाते है, कि आजकल शोशल मीडिया पर ही देख लीजिए । जो महिला अच्छे कॉन्टेंट अपलोड करती है, अच्छे वीडियो बनाती है, या अच्छा ज्ञान देती है, बदन को ढक कर शोशल मीडिया पर आती है, आपने गौर किया होगा उन्हें ज्यादा रिएक्शन नहीं मिलते। सपोर्ट नहीं मिलती। उनकी वीडियो को लोग देखना पसंद नही करते। वही अगर कोई महिला अश्लील वीडियो बनाती है, गंदे वीडियो बनाती है, गलत विचार प्रकट करती है, छोटे छोटे कपड़े पहन कर रील बनाती है, अपना बॉम फिगर दिखाती है, आजकल अमूल दूध, बिलायती दूध बहुत दिखा रही है महिलाएं, वहा आप मर्दों को देखिए: कितने मजे से देखेंगे। उनकी वीडियो में रिएक्शन भी देंगे। शेयर भी करेगें और कॉमेंट में महिला को समझाएंगे गलत वीडियो मत बनाओ अच्छे वीडियो बनाओ।😅 कितने पुरुष तो पंचायत बिठाकर कमेंट बॉक्स में नेतागिरी भी करने लगते हैं । 😂 ऐसी विडियो बंद होनी चाहिए। सरकार को शोशल मीडिया पर एक्शन लेना चाहिए। ये समाज को खराब कर रही है, वगेरह वगेरह!!! और खुद बड़े मजे से देखते भी है ! 😀 अरे पुरुषो आपके कहने से कुछ नही होगा ना ही सरकार इसपर सोचेगी महिला खुद समझ और जान गई है आपको क्या पसंद है। उसे गालियां भी देंगे तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा। जरूरत है आप खुद को बदलें। खुद की सोच को बदले। अपनी आंखों को सेकना छोड़े। जब तक आप उस तरह की पोस्ट_ विलायती दूध, अमूल दूध और बॉम फिगर को देखना नहीं छोड़ेंगे, तब तक कुछ नही हो सकता! जब भी आपको ऐसी पोस्ट मिले उसे इग्नोर करे और अपना कोई भी रिएक्शन कमेंट ना दे। उनकी रिच, एंगेजमेंट खुद ब खुद डाउन होकर गिर जाएगी। जिससे हमारे समाज की महिलाएं आने वाले बच्चियों का भविष्य, उनकी मर्यादा, उनकी इज्जत और देश की संस्कृति बची रहेगी। आज शोशल मीडिया पर हर वर्ग के लोग है, देखने वाले सभी लोग जो अपनी आंखों को शोशल मिडिया पर सेकते है, अपनी आंखों को सुकून दिलाते है। याद रखिए, अगर आप अब भी नही सुधरे, खुद को नही बदले तो आने वाला समय बहुत ही भयानक होने वाला है। फिर वो दिन दूर नही, जब आपकी बेटी, आपकी बहन, आपकी पत्नि, आपकी बहू भी शोशल मीडिया पर गंदा नाच करेगी, अपना अंग प्रदर्शन करेंगी !!!! फिर आप बड़े मजे से उसे देखना और अपना रिएक्शन देते रहना। महिलाओ को आप खुद खराब बनाते है और आप ही उसे सही रास्ते पर ला सकते है। हमारी कोशिश बस यही है आप गलत चीजों को प्रमोट ना करे । थोड़ा सपोर्ट उन्हें करे जो अच्छी चीजों को प्रमोट करते है। अच्छी वीडियो, अच्छी पोस्ट बनाते है। ताकी सभी महिलाओ को संदेश मिले। हमारे देश के लोग अच्छी पोस्ट अच्छी वीडियो देखना पसंद करते है । और पुरुष अपनी आंखों को शिकारी बनाना आंखो को सेकना बंद करे ✍️✍️..लेख आपको कैसी लगी! अपने अनमोल विचार कॉमेंट में लिखें!!

story no 8 aajkal ki female apni fmaily ki kaise dhokha deti hai ya to uski majburi hoti hai ya soukh se or apna khrcha chalti hai

"मैं तो किसी भी लड़के के सामने टांग खोल कर लेट जाऊंगी, और मिनट में मेरा काम हो जाएगा तुम अपना सोचो """ जब मैं घर से आ रही थी तो उसे समय पापा ने मुझे ₹5000 दिए थे और बोला था बेटा अपना ध्यान रखना क्योंकि खाना और रहना तो हॉस्टल में हो ही जा रहा था और बाकी जो लड़कियों के खर्च होते हैं सिर्फ वही खर्च थे मुझे लगा था यह पैसे मेरे लिए पर्याप्त होंगे पर ऐसा नहीं था यहां पर आने पर मैंने देखा जो लड़कियां फीस माफी की एप्लीकेशन कॉलेज में देती हैं उनके पास ₹100000 के फोन है महंगे कपड़े हैं कहीं आने-जाने के लिए कार बुक करती हैं जब इसके बारे में और जानना चाहा और जो चीज मुझे पता चली उसे सुनने के बाद तो मानो एक पल को तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि क्या सच में ऐसा कोई कर सकता है पर मैं गलत थी यहां के लोगों के लिए यह चीज काफी आम थे अब आप में से कुछ लोग मेरी इस बात को सुनकर गुस्सा भी करेंगे और कुछ लोगों को मेरी बात पर यकीन नहीं होगा लेकिन एक बहुत बड़ा तब का है जो इस सच्चाई को काफी अच्छे से जानता है और वह तब का जानता है कि कैसे शहर की लड़कियां कॉलेज में पढ़ने जाती हैं तो अपना खर्च चलाती हैं मुझे पता चला कि यह लड़कियां आमिर लड़कों को ढूंढते हैं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता वह दिखने में कैसा है पर पैसे वाला होना चाहिए यह सारी प्रक्रिया एक क्रमबद्ध तरीके से होती है जिसमे पहले लड़किया एक अच्छा लड़का फसाती हैं कुछ दिन प्यार भरी बात करती हैं, और 1 से 2 हफ्ते में उसके साथ शारीरिक संबंध बनाती हैं इसके लिए वो डेटिंग ऐप, पब बार, महंगी पार्टी में का सहारा लेती हैं जहां पर अमीर लड़के आते हैं एक बार शारीरिक सम्बंध बन जाने के बाद ये लडकिया लडको को अपने वश में करती है महंगे मोबाइल, कपड़े रेस्टिरेंट में खाना, और बदले में एक रात तक लड़के के साथ संबंध बना लेना, कॉलेज में जाने वाली लड़कियों के लिए एक आम बात है , और यहीं से उनका खर्चा निकलता रहता है लेकिन इसमें गलती सिर्फ लड़की की ही नहीं है उनके मां बाप की भी है, आखिर वो क्यों नहीं पूछते अपनी बेटी से को इतना महंगा फोन कहा से मिला, हर हफ्ते नए कपड़े कहा से आरे हैं इस तरह चलता है लोगो का खर्चा, अब आप को इसमें ये लग रहा होगा की कितना आसान है, किसी लड़के को बेवकूफ बनाना ऐसा ही बहुत सी लड़कियां को भी लगता है, लेकिन लड़के हमेशा अच्छे नही होते हैं इस काम को लड़किया अपने क्षणभर के सुख के लिए करती है लेकिन कैसे चुटकी बजाते ही उनकी जिंदगी खराब हो जाती है मैं बताती हूं हमारे वार्ड नंबर 6 के कमरा नंबर 33 की एक लड़की को भी यही नशा चढ़ा था, लड़का मिल गया, और रोज उसे अपने फ्लैट पर ले जाकर उसके साथ जो मन वो करता, बदले में उसे महंगी महंगी चीज ऑफर करता, एक दिन वो लड़का उसे बोलता है जो तुम मेरे साथ करती जो वो मेरे कुछ जानने वालों के साथ करो लकड़ी समझ गई की वो अब फंस चुकी है, और जैसे ही मौका मिला वो तुरंत कुछ दिन के लिए अपने हॉस्टल से घर चली गई जब वो वापस आई तो लड़के ने बोला एक बार मिलो, जब उसने मिलने से इंकार किया तो उसने उसे एक वीडियो भेजी ये वीडियो उसकी के घर के बाथरूम की थी जिसमे वह नग्न अवस्था में कपड़े बदल रही थी वो कुछ आगे सोचती इससे पहले ही उसके पास एक और वीडियो आया जिसमे वो उसी लकड़ा के साथ जिस्मानी संबंध बना रही थी असल में उसके साथ फ्रॉड हुआ था और ना चाहते हुए भी उस लड़की को उस लड़के के जानने वाले के साथ संबंध बनाना पड़ा था और ऐसे करते करते कभी वो लकड़ा संबंध बनाता कभी अपने जनन वालो को भेज देता और वो जानने वाले कोई और नहीं बल्कि उस लड़के के द्वारा फसाए गए ग्राहक होते थे जो 10 हजार रूपए में कुछ देर के लिए लड़की का इस्तेमाल करते थे लड़की को लगा की उस लड़के के सामने बिछ जाने से लड़का फसा रहेगा और उसका काम होता रहेगा लेकिन लड़का खुद उसे महंगे गिफ्ट और फोन देके उसे फसता रहा, उसने जितना उसे गिफ्ट और पैसे दिए थे उसका 4 गुना लड़की के जिस्म को बेच के कमा लिया था आज भी वो लड़की काउंसलिंग सेंटर में हैं क्यों की वो अंदर से इतनी स्ट्रांग नही थी, और समाज लोक लाज के भय से उस लड़के पर कोई एक्शन भी नही ले सकी ये एक सच्ची आप बीती है, जो बड़े शहर में जाने के बाद प्रत्येक लड़की और लड़के करते हैं मेरे हॉस्टल में 100 में 98 लड़किया इसी तरह अपना खर्चा चलाती थी, और उन 98 में से 10 ऐसी होती थी जिनका जम कर शारीरिक शोषण होता था, ये नंबर काफी कम लग सक्कता है लेकिन हो सकता हो आप को बहन बेटी जल्दी किसी बड़े कॉलेज में एडम्सिशन लें और वो भी इस रास्ते पर चले इसकी आशंका 95% है मैं सभी पैरेंट्स से अनुरोध करूंगी की आप अपनी बेटी को बाहर पढ़ने भेज रहे हैं तो उसने कठोर नही बल्कि दोस्त बनकर इस बारे में बात कीजिए उन्हें बताइए की कैसे लोग चंद जरूरतों के लिए अपना जिस्म किसी गैर लड़के के हाथ में देते हैं, और बाद में उन्हें जीवन भर पछताना पड़ता है यदि उन्हें किसी से प्रेम है या कोई उनका मित्र बना है तो सबसे पहले मित्रता परिवार वालो की नजर के सामने कीजिए ऐसे दोस्त बनाइए जो आप को अपने मां बाप से मिलाने में हिचकिचाहट महसूस ना करें नही तो पल भर में ही एक कॉलेज स्टूडेंट से वैश्या बनाने में समय नही लगेगा ये जानकारी अच्छी लगी हो तो हमें, हमारी कहानियाँ को फॉलो कीजिए और अन्य लोगो के साथ शेयर कीजिए।

story no 9 male person ki galdi najar

मर्द की आंखे सबसे बड़े शिकारी में से एक होता है! शेर चीता और बाज तो एक कहावत है! मर्द अपनी आंखो से, शिकार को एक झटके में घायल करते है! और इनकी शिकार होती है _ खूबसूरत महिला!!💞 पहले ये खूबसूरत महिला को तलाशते है। फिर नज़रे मिलाते है, उसके खूबसूरत अंग को अपनी आंखो से निहारते और अपनी आंखो को सेकते है! तीसरी आंख उसके बॉम फिगर पर होती है, चौथी आंख उसके उभारों पर डालते है, पांचवी आंख कमर पर, फिर आंखो से ही वो महिलाओ के अंदर की सारी जानकारी लेते है, और अपनी आंखो से ही महिलाओ का बलात्कार कर लेते हैं। मर्द की आंखे सबसे बड़े शिकारी होते है । गलती से महिला की नजर पुरुष पर पर जाए, तो पुरुष इतना सीधा सरल और मासूम बन कर मुस्कुराते है, की बेचारी महिला समझ ना पाती है और धोका खा जाती है । यही से सुरु होता है बातचीत का शिलशिला।💞 पुरुष अपनी तरफ से महिलाओ को भरोसा दिलाने का कोई कसर नहीं छोड़ता है। तब होता है फोन नंबर का आदान प्रदान। 📱 🤳 नादान औरत क्या जाने_ वो आंख टिकाए बैठे है! महिला बातो में कैसे आएगी_ वो बात बनाए बैठे है !! आज हमारे देश में ना जाने कितने कपड़े उतार दिए जाते है, ये बोलकर, कि शादी मैं तुमसे ही करूंगा। बस एक बार तुम मुझपर भरोसा तो करो जानू। मना मत करो। और एक दिन ये महिला भरोसे में सबकुछ गंवा बैठती है। उसे मिलता है तो सिर्फ धोका धोखा, और धोखा। पुरुष फिर से अपने शिकार पर निकल पड़ते है, वो कभी ये नही सोचते उन धोखा खाई महिला का क्या होगा। तंग आकर, रोकर चिल्लाकर, टूटकर, वो धोखा खाई महिला एक दिन विस्फोटक बारूद की तरह बहुत ही खतरनाक बन जाती है। और समाज के लोगो द्वारा उसे नाम दिया जाता है__ वैश्य, धोखेबाज, दगाबाज, और न जाने क्या? क्या? फिर एक दिन वो महिला अपने साथ कितने पुरुष, कितने घरों को, कितने बच्चे और कितने महिलाओ को बर्बाद कर देती है। सिर्फ खुद को मिले धोखे की वजह से। तो बताईए एक महिला को गलत बनने पर मजबूर किया किसने? अरे मर्दों, शिकार करना छोड़ो। अपनी आंखों को सेकना छोड़ो। सबको अपनी मां बहन की तरह समझो। सादी तो एक दिन होनी ही है। अपनी पत्नी को प्यार दो, उनकी इज्जत को समझो, दूसरी को छोड़ो। पुरुष बड़ी सफाई देते है और निकल जाते है, कि आजकल शोशल मीडिया पर ही देख लीजिए । जो महिला अच्छे कॉन्टेंट अपलोड करती है, अच्छे वीडियो बनाती है, या अच्छा ज्ञान देती है, बदन को ढक कर शोशल मीडिया पर आती है, आपने गौर किया होगा उन्हें ज्यादा रिएक्शन नहीं मिलते। सपोर्ट नहीं मिलती। उनकी वीडियो को लोग देखना पसंद नही करते। वही अगर कोई महिला अश्लील वीडियो बनाती है, गंदे वीडियो बनाती है, गलत विचार प्रकट करती है, छोटे छोटे कपड़े पहन कर रील बनाती है, अपना बॉम फिगर दिखाती है, आजकल अमूल दूध, बिलायती दूध बहुत दिखा रही है महिलाएं, वहा आप मर्दों को देखिए: कितने मजे से देखेंगे। उनकी वीडियो में रिएक्शन भी देंगे। शेयर भी करेगें और कॉमेंट में महिला को समझाएंगे गलत वीडियो मत बनाओ अच्छे वीडियो बनाओ।😅 कितने पुरुष तो पंचायत बिठाकर कमेंट बॉक्स में नेतागिरी भी करने लगते हैं । 😂 ऐसी विडियो बंद होनी चाहिए। सरकार को शोशल मीडिया पर एक्शन लेना चाहिए। ये समाज को खराब कर रही है, वगेरह वगेरह!!! और खुद बड़े मजे से देखते भी है ! 😀 अरे पुरुषो आपके कहने से कुछ नही होगा ना ही सरकार इसपर सोचेगी महिला खुद समझ और जान गई है आपको क्या पसंद है। उसे गालियां भी देंगे तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा। जरूरत है आप खुद को बदलें। खुद की सोच को बदले। अपनी आंखों को सेकना छोड़े। जब तक आप उस तरह की पोस्ट_ विलायती दूध, अमूल दूध और बॉम फिगर को देखना नहीं छोड़ेंगे, तब तक कुछ नही हो सकता! जब भी आपको ऐसी पोस्ट मिले उसे इग्नोर करे और अपना कोई भी रिएक्शन कमेंट ना दे। उनकी रिच, एंगेजमेंट खुद ब खुद डाउन होकर गिर जाएगी। जिससे हमारे समाज की महिलाएं आने वाले बच्चियों का भविष्य, उनकी मर्यादा, उनकी इज्जत और देश की संस्कृति बची रहेगी। आज शोशल मीडिया पर हर वर्ग के लोग है, देखने वाले सभी लोग जो अपनी आंखों को शोशल मिडिया पर सेकते है, अपनी आंखों को सुकून दिलाते है। याद रखिए, अगर आप अब भी नही सुधरे, खुद को नही बदले तो आने वाला समय बहुत ही भयानक होने वाला है। फिर वो दिन दूर नही, जब आपकी बेटी, आपकी बहन, आपकी पत्नि, आपकी बहू भी शोशल मीडिया पर गंदा नाच करेगी, अपना अंग प्रदर्शन करेंगी !!!! फिर आप बड़े मजे से उसे देखना और अपना रिएक्शन देते रहना। महिलाओ को आप खुद खराब बनाते है और आप ही उसे सही रास्ते पर ला सकते है। हमारी कोशिश बस यही है आप गलत चीजों को प्रमोट ना करे । थोड़ा सपोर्ट उन्हें करे जो अच्छी चीजों को प्रमोट करते है। अच्छी वीडियो, अच्छी पोस्ट बनाते है। ताकी सभी महिलाओ को संदेश मिले। हमारे देश के लोग अच्छी पोस्ट अच्छी वीडियो देखना पसंद करते है । और पुरुष अपनी आंखों को शिकारी बनाना आंखो को सेकना बंद करे ✍️✍️..लेख आपको कैसी लगी! अपने अनमोल विचार कॉमेंट में लिखें!!

Story no 10 aajkal ghr kyo khrab ho rha hai new technology ka used krke mobile tv ya kisi or ki baat me aajaker khud ka ghr khrab kr rahe hai

· #नींव_कमजोर_पड़_रही_है_गृहस्थी_की___ आज हर दिन किसी न किसी का घर खराब हो रहा है, इसके कारण और जड़ पर कोई नहीं जा रहा। 1, माँ बाप की अनावश्यक दखलंदाज़ी। 2, संस्कार विहीन शिक्षा। 3, आपसी तालमेल का अभाव। 4, ज़ुबान। 5, सहनशक्ति की कमी। 6, आधुनिकता का आडम्बर। 7, समाज का भय न होना। 8, घमंड। 9, अपनों से अधिक गैरों की राय। 10, परिवार से कटना।। मेरे ख्याल से बस यही 10 कारण हैं शायद पहले भी तो परिवार होता था और वो भी बड़ा, लेकिन वर्षों आपस में निभती थी, भय भी था प्रेम भी था और रिश्तों की मर्यादित जवाबदेही भी। पहले माँ बाप ये कहते थे कि मेरी बेटी गृह कार्य मे दक्ष है, और अब मेरी बेटी नाज़ो से पली है आज तक हमने तिनका भी नहीं उठवाया, तो फिर करेगी क्या शादी के बाद?? शिक्षा के घमँड में आदर सिखाना और परिवार चलाने के सँस्कार नहीं देते। माँएं खुद की रसोई से ज्यादा बेटी के घर में क्या बना इसपर ध्यान देती हैं, भले ही खुद के घर में रसोई में सब्जी जल रही हो, ऐसे मे वो दो घर खराब करती है। मोबाईल तो है ही रात दिन बात करने के लिए, परिवार के लिये किसी के पास समय नहीं, या तो TV या फिर पड़ोसन से एक दूसरे की बुराई या फिर दूसरे के घरों में ता‌ंक झांक, जितने सदस्य उतने मोबाईल, बस लगे रहो। बुज़ुर्गों को तो बोझ समझते हैं, पूरा परिवार साथ बैठकर भोजन तक नहीं कर सकता, सब अपने कमरे में, वो भी मोबाईल पर।बड़े घरों का हाल तो और भी खराब है, कुत्ते बिल्ली के लिये समय है, परिवार के लिये नहीं, सबसे ज्यादा गिरावट तो इन दिनों महिलाओं में आई है। दिन भर मनोरँजन, मोबाईल, स्कूटी..समय बचे तो बाज़ार और ब्यूटी पार्लर, जहां घंटों लाईन भले ही लगानी पड़े, भोजन बनाने या परिवार के लिये समय नहीं। होटल रोज़ नये नये खुल रहे हैं। जिसमें स्वाद के नाम पर कचरा बिक रहा है, और साथ ही बिक रही है बीमारी और फैल रही है घर में अशांति, क्योंकि घर के शुद्ध खाने में पौष्टिकता तो है ही प्रेम भी है, लेकिन ये सब पिछड़ापन हो गया है। आधुनिकता तो होटलबाज़ी में है, बुज़ुर्ग तो हैं ही घर में चौकीदार, पहले शादी ब्याह में महिलाएं गृहकार्य में हाथ बंटाने जाती थी, और अब नृत्य सीखकर। क्यों कि महिला संगीत मे अपनी प्रतिभा जो दिखानी है। जिस की घर के काम में तबियत खराब रहती है वो भी घंटों नाच सकती है। घूँघट और साड़ी हटना तो ठीक है, लेकिन बदन दिखाऊ कपड़े?? ये कैसी आधुनिकता है? बड़े छोटे की शर्म या डर रही है क्या??वरमाला में पूरी फूहड़ता, कोई लड़के को उठा रहा है, कोई लड़की को उठा रहा है ये सब क्या है?? और हम ये तमाशा देख रहे है मौन रहकर। सब अच्छा है माँ बाप बच्ची को शिक्षा दे रहे है।* ये अच्छी बात है लेकिन उस शिक्षा के पीछे की सोच?? ये सोच नहीं है कि परिवार को शिक्षित करे, बल्कि दिमाग में ये है कि कहीं तलाक वलाक हो जाये तो अपने पाँव पर खड़ी हो जाये। कमा खा ले, जब ऐसी अनिष्ट सोच और आशंका पहले ही दिमाग में हो तो रिज़ल्ट तो वही सामने आना है, साइँस ये कहता है कि गर्भवती महिला अगर कमरे में सुन्दर शिशु की तस्वीर टांग ले तो शिशु भी सुन्दर और हृष्ट पुष्ट होगा। मतलब हमारी सोच का रिश्ता भविष्य से है, बस यही सोच कि पांव पर खड़ी हो जायेगी, गलत है संतान सभी को प्रिय है लेकिन ऐसे लाड़ प्यार में हम उसका जीवन खराब कर रहे हैं पहले स्त्री छोड़ो पुरुष भी कोर्ट कचहरी से घबराते थे और शर्म भी करते थे। अब तो फैशन हो गया है पढे लिखे युवा तलाकनामा तो जेब मे लेकर घूमते हैं पहले समाज के चार लोगों की राय मानी जाती थी और अब माँ बाप तक को जूते पर रखते है अगर गलत है तो बिना औलाद से पूछे या एक दूसरे को दिखाये रिश्ता करके दिखाओ तो जानूं?? ऐसे में समाज या पँच क्या कर लेगा, सिवाय बोलकर फ़जीहत कराने के?? सबसे खतरनाक है औरत की ज़ुबान, कभी कभी न चाहते हुए भी चुप रहकर घर को बिगड़ने से बचाया जा सकता है। लेकिन चुप रहना कमज़ोरी समझती है। आखिर शिक्षित है और हम किसी से कम नहीं वाली सोच जो विरासत में लेकर आई है आखिर झुक गयी तो माँ बाप की इज्जत चली जायेगी इतिहास गवाह है कि द्रोपदी के वो दो शब्द...अंधे का पुत्र भी अंधा ने महाभारत करवा दी, काश चुप रहती गोली से बड़ा घाव बोली का होता है। आज समाज सरकार व सभी चैनल केवल महिलाओं के हित की बात करते हैं पुरुष जैसे अत्याचारी और नरभक्षी हों बेटा भी तो पुरुष ही है एक अच्छा पति भी तो पुरुष ही है जो खुद सुबह से शाम तक दौड़ता है, परिवार की खुशहाली के लिये। खुद के पास भले ही पहनने के कपड़े न हों, घरवाली के लिये हार के सपने देखता है बच्चों को महँगी शिक्षा देता है मैं मानती हूँ पहले नारी अबला थी माँ बाप से एक चिठ्ठी को मोहताज़ और बड़े परिवार के काम का बोझ। अब ऐसा है क्या? सारी आज़ादी। मनोरंजन हेतु TV, कपड़े धोने के लिए वाशिंग मशीन, मसाला पीसने के लिए मिक्सी, रेडिमेड आटा, पानी की मोटर, पैसे हैं तो नौकर चाकर, घूमने को स्कूटी या कार फिर भी और आज़ादी चाहिये। आखिर ये मृगतृष्णा का अंत कब और कैसे होगा? घर में कोई काम ही नहीं बचा।दो लोगों का परिवार, उस पर भी ताना, कि रात दिन काम कर रही हूं। ब्यूटी पार्लर आधे घंटे जाना आधे घंटे आना और एक घंटे सजना नहीं अखरता। लेकिन दो रोटी बनाना अखर जाता है। कोई कुछ बोला तो क्यों बोला? बस यही सब वजह है घर बिगड़ने की। खुद की जगह घर को सजाने में ध्यान दे तो ये सब न हो। समय होकर भी समय कम है परिवार के लिये, ऐसे में परिवार तो टूटेंगे ही। पहले की हवेलियां सैकड़ों बरसों से खड़ी हैं और पुराने रिश्ते भी। आज बिड़ला सिमेन्ट वाले मजबूत घर कुछ दिनों में ही धराशायी। और रिश्ते भी महीनों में खत्म। इसका कारण है घरों को बनाने में भ्रष्टाचार और रिश्तों मे ग़लत सँस्कार। खैर हम तो आधा जीवन जी लिये, सोचे आनेवाली पीढी, घर चाहिये या दिखावे की आज़ादी ? दिनभर घूमने के बाद रात तो घर में ही महफूज़ रहती है। मेरी बात क‌इयों को हो सकता है बुरी लगी हो, विशेषकर महिलाओं को लेकिन सच तो यही है, समाज को छोड़ो, अपने इर्द गिर्द पड़ोस में देखो। सब कुछ साफ दिख जायेगा। यही हर समाज के घर घर की कहानी है जो युवा बहनें हैं और जिनको बुरा लगा हो वो थोड़ा इंतजार करो क्यों कि सास भी कभी बहू थी के समय में देरी है लेकिन आयेगा ज़रुर 🙏 मुझे क्या है जो जैसा सोचेगा सुख दुःख उन्हीं के खाते में आना है बस तकलीफ इस बात की है कि हमारी ग़लती से बच्चों का घर खराब हो रहा है वे नादान हैं। क्या हम भी हैं? शराब का नशा मज़ा देता है लेकिन उतरता ज़रुर है फिर बस चिन्तन ही बचता है कि क्या खोया क्या पाया?? पैसों की और घर की बर्बादी। उसके बाद भी शराब के चलन का बढ़ना आज की आधुनिक शिक्षा को दर्शाता है अपना अपना घर देखो सभी। अभी भी वक्त है नहीं तो व्हाटसप में आडियो भेजते रहना, जग हंसाई के खातिर, कोई भी समाजसेवक कुछ नहीं कर पायेगा, सिवाय उपदेश के। आपकी हर समस्या का निदान केवल आप ही कर सकते हो। सोच के ज़रिये, रिश्ते झुकने पर ही टिकते है तनने पर टूट जाते है। इस खूबी को निरक्षर बुज़ुर्ग जानते थे, आज का मूर्ख शिक्षित नहीं, काश सब जान पाते।

story no 11 female ko koi male samjh nhi pata apna kaam niakal or baat khatam

बिस्तर पर पति को सम्भोग का सुख देते समय स्त्री को किन किन अवस्थाओं से गुजरना पड़ता है शायद ये समझ पाना पुरुषों के वश में नहीं है। उनकी गालियां सुनना, धक्के खाना, हर धक्के पर बढ़ते दर्द को चुपचाप सहन करना और अपनी आहों से पुरुष को संतुष्ट करना स्त्री के जीवन का एक हिस्सा है। जब पुरूष स्त्री को पीछे से ,आकर पकड़ता है और उसके कानों को धीरे से सहलाता है तब स्त्री उस मादक स्पर्श में खो जाती है। हर अत्याचार को भूलकर वो पुरूष के अधीन स्वयम को कर देती है और फिर तैयार हो जाती है सब पुरानी बातें दोहराने को। इस मिलन की शाम को आप सब रंगीन बनाएं,प्रेम बनाये रखें, और अपनी महिला साथी को चरमसुख अवश्य दें क्योंकि पुरुष तो हर संभोग क्रिया में संतुष्ट हो जाते हैं और महिला बिना चरम सुख के ही रह जाती है। यदि पुरुष का ऑर्गेज़म (वीर्य स्खलन) पहले हो जता है तब ऐसी स्थिती में पुरुष पार्टनर को चाहिए कि बह उंगली से हस्तमेथुन करा कर महिला साथी को चरम सुख तक ले जाए तभी सेक्स या संभोग सम्पूर्ण होता है। कुछ लोगों को ये बात बुरी लगेगी लेकिन ये हकीकत है। इसकी जानकारी तो सभी को है लेकिन फिर भी पुरुष हल्के होने के बाद सो जाना पसंद करते हैं महिला पार्टनर पर स्खलन के बाद ध्यान ही नहीं देते।

STORY NO 11 GOV SERVICE KE CHAKKER MA MAA PAAP BHAI APNE BETI BAHAN BETI KA LIFE BARBAD KR DETE HAI LRKE KA QUALITY NHI DEKHTE BAAD ME LRKI KO PACHTANA PRTA HAI OR US LARKI KA APNA MAA BAAP BHAI HI SATH NHI DETE DUKH ME

Jashawant Kumar · Follow · शादी के बाद पति के साथ अच्छा संभोग जीवन की आधी परेशानी खत्म कर देता है l, लेकिन तभी जब वह प्रेम वश किया गया हो ना की प्रहार वश एक लड़की के लिए अंजान घर में यदि रहने के लिए आसान कुछ हो सकता है तो वो है इसके पति का साथ क्यों की वही है जो इस समय सबसे ज्यादा मुझे समझता है और बाकियों के लिए तो मैं बस एक नईनवेली जिम्मेदार बहु हूं मैं अपने मां बाप की अकेली बेटी थे, मेरे साथ थे तो बस 2 भाई वो भी मुझसे बड़े मां हमेशा से चाहती थी की मेरी शादी ऐसे घर में हो जहां सुख सुविधाओं की कमी ना हो मैं दिखने में सुंदर थी पापा को और भाईयो की अच्छा नौकरी थी, तो ये सभी चाहते थे की मेरी शादी एक अच्छे घर में हो मेरे लिए कई रिश्ते देखे गए मैने कई लडको से बात की मुझे सब ठीक लगे, लेकिन मेरे मां बाप और भाई को कुछ ना कुछ कमी लगती थी मेरे पापा और मां चाहते थे की लड़का सरकारी नौकरी वाला हो अच्छी पोस्ट हो भाई चाहते थे की लड़के के पास संपत्ति अच्छी हो, मां चाहती की लड़का इकलौता हो या एक बहन हो खैर सभी की मुराद पूरी हो गई, जब मेरी शादी के लिए सुमित का रिश्ता आया सचिवालय में अच्छी पोस्ट, पापा की भी सरकारी नौकरी दिल्ली लखनऊ में फ्लैट, गांव में कई एकड़ जमीन सब कुछ था उनके पास मैं भी उनके घर वालो को खूब पसंद आई मैंने बात की तो पहले दिन मुझे भी अच्छे लगे लेकिन जैसे जैसे बात आगे बढ़ी उनका मेरे ऊपर हर चीज का दबाव बनने लगा, मैने अपनी मां से बोला, मां ने बोला जब कोई इंसान जिंदगी में आता है तो हमे उसके हिसाब से ढलना चाहिए मेरी शादी होती है और एक महीने तक सब ठीक रहता है लेकिन जब मैं इनके साथ अपना घर छोड़ कर के दिल्ली से केरल जाती हूं तो मुझे पता चलता है की ये इंसान तो शराब भी पिता है, जब मैने ये बात बोली की आप तो शराब नही पीते, उन्होंने हस्ते हुए बोला तुमने कभी पूछा मुझसे ? मैने तुरंत बोल दिया हां पापा से पूछा था उन्होंने बोला ऐसा कुछ नहीं है मैने ने अपने मां से इस बारे में बात की मां ने बोला बेटा रिश्ता अच्छा था स्टेटस अच्छा था सरकारी नौकरी थी, इस लिए शराब की बात छुपाई गई और कोई बुराई थोड़ी ना है इसमें मैं स्तब्ध थी, मैने 2 दिन बाद बड़े भैया को फोन किया भैया को बताया, तो तो उन्होंने बोला और किस जमाने में जी रही हो, आज कल तो सभी पीते हैं थोड़ा एडजेस्ट करो, मैने मन को रोकते हुए उन्हें मना कर दिया लेकिन कुछ समय बाद मैने देखा की मेरे पति के फोन पर। अन्य लड़कियों के मैसेज आते हैं हिम्मत जुटा कर जब मैंने बात की तो वो मुझपर भड़क और हिदायत दी की आज के बाद मेरा फोन कभी मत छूना लेकिन कुछ समय बाद इनके सोने के बाद मैने फोन खोल के देखा तो मेरे होश उड़ गए इनका चक्कर एक साथ 2 3 लड़कियों से था, सारी रात मुझे नींद नहीं आई जब सुबह ऑफिस जाने का समय हुआ, तो मैंने बोला की जब आपको यही सब करना था तो शादी क्यों की और मेरी जिंदगी क्यों बरबाद की इस पर गुस्सा होकर उन्होंने मुझे जोर से एक तमाचा मारा और बोला जब माना कर दिया तो क्यों फोन छुई और खबरदार जो किसी को बताया नही तो मार कर यही केरल में दफना दूंगा मैं दर गईं और अपने पापा को फोन कर के और मां को फोन कर के सारी बात बताई उन्हें अभी भी लग रहा था की गलती मेरी है, मुझे ऐसे किसी सरकारी नौकरी करने वाले का फोन नही देखना चाहिए असल में उन्हें मुझसे ज्यादा उस लड़के की सरकारी नौकरी ज्यादा अच्छी लग रही थी लेकिन यहां पर मेरे पापा ने गलती कर दी एक अच्छा प्लान बनाने और बेटी की बातों पर यकीन करने की बजाए उन्होंने सीधा मेरे पति को फोन कर दिया और बोला दामाद जी अब ये सब लड़की वाला काम छोड़ दीजिए ये सही नही है मेरे पति ने बोला जी बिल्कुल आप को बेटी को कुछ गलत फहमी हुई है और अच्छे से बात कर के फोन रख दिया शाम को घर आए और खाना खाया जब मैं बेड पर सोने जा रही थी तो मुझे 2 झापड़ मारा और बोला क्या जरूरत थी बताने की, मैने जवाब में बोला मेरी जिंदगी खराब करने का कोई हक नही है आप को, इस पर वो गुस्सा हुआ और बगल में रखी एक स्टील के रोड से मेरी पिटाई की और इतना मारा की मेरे कमर हाथ और सीने पे गहरे निशान पड़ गए कुछ देर बाद जब मैं रोती हुई शांत हुई तो।उन्होंने जबरदस्ती मेरे साथ शारीरिक शोषण किया मैं दर्द से कहर रही थी लेकिन उसे मजा और पर जब सब। कुछ मेरे वश से बाहर हुआ तो मैंने जोर का धक्का देकर कमरे से बाहर भागी और गेट खोले कर सड़क पर भागती रही लोग मुझे देख रहे थे तभी बगल के क्वार्टर में दिल्ली के एक और कपल रहते थे मैने दरवाजा खटखटाया जब तक वो खोलते तब तक लोगो को भीड़ लगी थी उन्होंने मुझे तुरंत अंदर खींचा और तब मैने ध्यान दिया की मेरे शरीर पर सिवाय मंगल सूत्र, और हाथ में चूड़ी के अलावा और कुछ भी नही है क्यों की उसमे सब कुछ उतार फैंका था मैं अंदर से आहत हो गाए और उन्होंने मुझे कपड़े पहनाए पानी दिया मैं बोलने की स्थिति में नही थी, और नींद की दवा खा कर सो गई सुबह उठने पर उन्होंने घर पर फोन किया जिसके बाद मेरे पापा और भाई आए और मुझे वापस लेकर आगये, मेरी शादी सिर्फ 1 महीने चली उसके बाद भी मेरे घर वाले इस कोशिश में थे की हमारे बीच सुलह होंजाए क्यों की सरकारी नौकरी और अच्छी प्रॉपर्टी वाले अच्छे रिश्ते जल्दी नही मिलते, पर मैने माना नही और हमारा डिवोर्स हो गया लेकिन उसके बाद जब मैने दूसरे लडको से शादी की बात की तो लोग मुझे एक्सेप्ट नही करते क्यों की मेरे ऊपर डिवोर्स का टैग लगा है बिना मेरी गलती के भी मुझे सजा मिल रहा है, और घर में भी मां और भाई इस स्थित के लिए मुझे हो दोषी मानते हैं, उनका कहना है अगर मैं समय से समझौता करती तो ये दिन नही देखना पड़ता मैं सभी लड़कियों से यही गुजारिश करुंगी की सरकारी नौकरी अच्छी प्रॉपर्टी से ज्यादा जरूरी है आप ये जानिए की जिससे आप को शादी हो रही है, उसका चरित्र कैसा है क्यों की प्रॉपर्टी सरकारी नौकरी सिर्फ आप को बाहरी खुशी देगी लेकिन आप अच्छी जिंदगी जीना चाहते हैं और अंदर से खुश होना चाहते हैं तो एक चरित्रवान लड़के और परिवार से शादी करें नही तो इस दुनिया में एक बार शादी हो जाए तो अपने मां बाप भाई भी दुख के समय साथ नही देते हैं

story number 11 romantic baat log khulker kyo nhi krte jo ki akele me har koi esi aadi hote hai

सेक्स हर कोई करना लेकिन...... सेक्स हर कोई करना चहता है चाहे वह महिला हो या पुरुष। कामुक बातें हर किसी को पसन्द हैं हर कोई कामवासना में लिप्त है। और होगा भी क्यों नहीं यह प्रकृति ने दिया है और स्वाभाविक प्रक्रिया है। सहमति से सेक्स कोई गलत नहीं है और मैं सेक्स को आम क्रियाओं की तरह ही मानती हूं। जो जीवन को, रूह कोआनंदित कर दे वह विषय खराब कैसे हो सकता है। और फिर जिस विषय पर महर्षि वात्स्यान जैसे महान दार्शनिक ने कामसूत्र पुस्तक लिखी हो और विस्तार पूर्वक वर्णन किया हो बह विषय चर्चा के योग्य क्यों नहीं हो सकता वह विषय खराब कैसे हो सकता है सेक्स को अच्छे से किया जाए तो फिर सेक्स सबसे ज्यादा आनंदित करने बाली क्रिया है। लेकिन कुछ लोगऊपर से दिखावा ऐसा करेंगे जैसे सारे संस्कार सिर्फ इन्हीं में कूट कूट कर भर दिए हों। जब कोई सेक्स की बातें करेगा तो बहुत ही संस्कार वान बनेंगे जैसे ये सेक्स करते ही न हों और यदि सच कहूं तो ऐसे ढोंगी लोग ही कामवासना में सबसे ज्यादा लिप्त हैं यही वो लोग हैं जो अकेले में हर रोज पोर्न वीडियो देखते हैं लेकिन सबके सामने बड़े ही मर्यादित बनेंगे। सेक्स एक क्रिया है महान दार्शनिक रजनीश ओशो जी ने कहा है कि जिस प्रकार नहाना धोना,खाना पीना, सोना जागना, एक क्रिया ठीक वैसे ही सेक्स भी एक क्रिया ही है हालाकि ये सिर्फ महिला और पुरुष द्वारा एकांत में करने वाली क्रिया है। लेकिन सेक्स से संबंधित जरूरी जानकारी पर खुलकर बात करने में कोई बुराई नहीं है। इसलिए मैं तो सिर्फ सेक्स ही नहीं जिस विषय पर भी लिखती हूं खुलकर लिखती हूं।सेक्स पर लिखूंगी तो कोई बुराई ही तो देगा इससे ज्यादा और कोई क्या कर सकता है और बुराई तो वैसे भी सहज ही मिल जाती है अच्छे कामों में भी मिल जाती है बुराई तो फिर डर किस बात का।

Story no 12 apne bacche ko bharose pr chotne ka natiza

अपनी ही बेटी को मैने लड़के को चुंबन करते देख लिया था, एक तरफ मन में गुस्सा था l, दूसरी तरफ मन में ग्लानि की ये क्या देख लिया मेरी बेटी पढ़ने में काफी होनहार थी, हमेशा क्लास में अव्वल आती थी अच्छे नंबर आने के कारण उसने बोला पापा मुझे दिल्ली जाकर पढ़ाई करनी है बेटी की बात पर भरोसा कर के मैने उसे दिल्ली पढ़ने के इजाजत देदी, लेकिन उसकी मां अभी भी कहती हम छोटे शहर से हैं पता नहीं हमारी बच्ची वहां जायेगी तो रह पाएगी नहीं उसपर मैं उसे बोलता, जबतक जाएगी नहीं तो कैसे पता चलेगा जब दिल्ली गई कॉलेज में दाखिला हुआ तो उसे कॉलेज की तरफ से हॉस्टल नहीं मिला, और वह एक प्राइवेट हॉस्टल में रहने लगी उसने बताया कि वहां पढ़ाई का माहौल नहीं बन पा रहा है तब मैने और पत्नी ने निर्णय लिया कि थोड़ा हाथ दबा कर चलेंगे बेटी को एक अपना कमरा दिला देते हैं जैसे तैसे कर के मैने एक फ्लैट दिलाया, धीरे धीरे उसमें सभी चीजें जैसे गद्दे पंखे कूलर आदि लगवाए गर्मी पड़ने पर fridge लिया tv लिया, study table लिया लगभग 6 महीने बाद मैं उससे मिलने उसके फ्लैट पर गया मुझे पता था कि उसकी दोस्ती लडको से भी है और लड़कियों सभी पर मुझे अपनी बच्ची पर भरोसा था, अकसर उसके दोस्त उसके साथ पढ़ने आते थे, क्यों की वो काफी होनहार थी लेकिन एक दिन उसका दोस्त आता है और वो कमरे में पढ़ने जाती है मैं किसी काम से नीचे गया था ऊपर हाल ने गया और मुझे लगा दोनों पढ़ रहे हैं एक गर्म काफी पिला देता हूं और ये पूछने के लिए जैसे ही मैं कमरे ने घुसा देख दोनो एक दूसरे को गले लगाकर किस कर रहे थे मुझे देखती ही वो लड़के को दूर कर दी और लड़का घबरा कर खड़ा हो गया, मैं आत्मग्लानि में चूर था ये सोचकर कि ये मैने क्या देख लिया मैने सिर नीचे क्या और सॉरी बोलते हुए बाहर आया मेरे अंदर गुस्सा भी था और आत्म ग्लानि भी समझ नहीं आया था जवान होती लड़की के निजीपल को इस तरह देखना सही था नहीं और मन में गुस्सा भी था कि जिस बेटी पर आंख बंद कर के भरोसा किया वो ऐसे कर रही ही हालाकि उसकी अपनी जिंदगी भी है इस लिए मुझे गुस्से से ज्यादा ग्लानि हो रही थी तभी गुस्से में लाल मेरी बेटी आती है, और बोलती है पापा ये क्या तरीका है, ? मैं हैरान था, और बोला तरीका? उसने कहा हां तरीका, किसी के कमरे में आने से पहले knok कर के आना चाहिए ये बेसिक बात है मैने बोला हां आना तो चाहिए बेटा लेकिन मुझे ध्यान नहीं था, क्यों की हमने कभी अपने घर में ऐसा किया नहीं उसने तुरंत बोला पापा आपने अपने घर में नहीं किया पर ये मेरा घर है मेरा स्पेस है, आखिर मेरी भी कोई प्राइवेसी है या नहीं मैने बोला हां बेटा गलती हो गई आगे से ध्यान ध्यान रखूंगा और इसके बाद वो अपने कमरे में वापस चली गई उसका दोस्त अपने घर चला गया और मैं सोफा पर बैठा था तभी मेरी नजर पंखे पर गई दीवारों पर गई, घर में रखे fridge पर गई, कंप्यूटर पर गई, गई चूल्हे पर गई और मैने सोचा मैने और पत्नी ने अपना पेट काट कर बेटी को दूसरी गृहस्ती बसाई देखा जाए तो एक एक समान मेरा है घर का किराया मै दे रहा हूं, फिर मेरी बेटी ये कैसे कह सकती है ये उसका घर है खैर उसकी बात ने मुझे हिला के रख दिया और मैने अपना समान बांध और जाने लगा, उसने समान देखा और बोल पापा कहा जा रहे हैं मैने बोला अपने स्पेस में जा रहा हूं, जहां मुझे कहीं आने जाने के लिए knock नहीं करना पड़ता वो समझ गई थी कि मुझे उसकी बात बुरी लगी और मैं वापस आगया, समय के साथ बच्चे बड़े होते हैं उन्हें उनका स्पेस देना चाहिए, लेकिन वहीं बच्चे ये कैसे भूल सकते हैं कि हम मां बाप अपना पेट काटकर उन्हें सब कुछ देते हैं, और बदले में उसने सिर्फ थोड़ा सा समय और इज्जत चाहते हैं मेरे संस्कारों में कोई कमी नहीं थी, फिर ऐसा क्यों इसका जवाब मिला मुझे आजकल हमारे संस्कार पर सोशल संस्कार भारी पड़ रहे हैं, जैसे मोबाइल।में आने वाली रील जिसमें हर वीडियो में सिर्फ स्वार्थ के बारे में बताया जाता है l हर वेबसेरेज जिसमें बच्चे मां बाप से दूर रहे तो ज्यादा खुश रहेंगे ये हैं दूसरे संस्कार जो हमारे संस्कार पर भारी पड़ रहे हैं

husband wife me payar kaise km ho jata hai male ka payar utna hi rehta hai but female ka payar ek pr nhi tikta

पुरुष के साथ किया गया अच्छा सहवास एक स्त्री को पूर्ण करता है। पुरुष और स्त्री में सम्बन्ध बनाने का वेग किसमे ज्यादा है ?? लोग बोलेंगे पुरुषों में, लेकिन मैं बोलती हूँ ये गलत है, काम का वेग जितना स्त्रियों में हैं उतना पुरुषों में नहीं। मैं १० वर्ष से क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट का काम कर रही हूँ। मेरा पति पत्नी के बीच संबंध अच्छा रहे, उन्हें सम्भोग संबंधी कोई समस्या ना हो इसकी काउंसलिंग करना मेरा काम है। लेकिन पिछले कई वर्ष की तुलना में मैने एक पैटर्न देखे हैं और वो ये हैं कि विवाह के बाद पति पत्नी के संबंधों में समरसता की कमी। पुरुष का वेग ऐसा होता है कि वह हर दम धीरे धीरे जलता है और जलता रहता है। पर स्त्री का वेग ऐसा होता है कि एक बार अगर आ जाए तो संतुष्ट हुए बिना उसे कोई शांत नहीं कर सकता। ये वही स्त्रियाँ समझ सकती हैं जिनके पति उन्हें संतुष्ट नहीं कर पाते। मेरे पास आए दिन ऐसे केस आते हैं जिसमें पति या पुरुष पार्टनर ये शिकायत लेके आते हैं कि उनकी पत्नी अब संभोग करने में रुचि नहीं दिखाती हैं। जिसके वजह से उसके बीच विश्वास और प्रेम खत्म हो रहा है। जब मैने सर्वे किया, इसके पीछे रुचि जानी तो हैरान करने वाली बात सामने आई। अधिकतर महिलाओं ने बोला कि अब उन्हें पति में कोई रुचि नहीं, क्योंकी लाइफ में कोई एक्साइटमेंट नहीं है। रोज एक ही तरह से संभोग करना और सो जाना वाला रूटीन पसंद नहीं आता हमे। आगे बात करने पर एक और बात खुल कर सामने आई कि एक ही पुरुष से संभोग करते करते वो ऊब चुकी हैं, यदि कुछ नया हो तो बात कुछ और है। जब पति से इस बारे में बात हुई तो सभी ने लगभग एक ही बात कही कि वो अपनी पत्नी से उतना ही प्रेम करते हैं जितना पहले करते थे। जब सीनियर डॉक्टर से इस केस के बारे में और डिस्कस किया तो पता चला, ये अधिकतर वो स्त्रियाँ थी जिन्होंने स्टेटस, अच्छी नौकरी घर संपत्ति देख के विवाह किया था। क्योंकि ऐसी लड़कियों की परवरिश ऐसे हुई है, जैसे किसी एक चीज से मन भरने पर उन्हें तुरंत दूसरी चीज उपलब्ध करा दी जाती थी और उस चीज़ को कैसे सजो कर रखना है इस बात को सिखने पर किसी ने जोर नहीं दिया। जैसे कि बॉलीवुड के अमीर और बहुत अमीर करते हैं। ४-५ वर्ष विवाह में रहने के बाद उन्हें एक नाया पार्टनर चाहिए होता है। ठीक ऐसा ही इन लड़कियां के साथ में था। दूसरा सबसे बड़ा कारण आया १ से अधिक पुरुषों के साथ विवाह से पहले सम्बन्ध बनाने का। आज कल hookup कल्चर है जिसे कॉरपोरेट में काम करने वाले बखूबी जानते हैं। इसमें कई लड़की लड़का एक रात किस अंजान व्यक्ति के साथ अपनी शारीरिक वेग को बुझाते हैं। इसे वन नाइट स्टैंड भी कहते हैं। जो बड़े शहरों में आम सी बात हो गई है। लेकिन जब इन लड़कियों का विवाह होता है या लड़कों का विवाह होता है तो वो किसी एक के साथ ज्यादा समय तक वैसा महसूस नहीं करते हैं और कुछ समय बाद उन्हें एक नए पार्टनर की तलाश होती है। यही कारण है कि आजकल विवाह के बाद भी पति पत्नी के मध्य अंतरंग सम्बन्ध बनाने की इच्छा खत्म होती जा रही है और वो विवाह को सिर्फ एक बोझ समझ कर जी रहे हैं। वही बात करें छोटे शहर की लड़कियां और लडको की तो वो विवाह के बाद ज्यादा खुश रहते हैं, क्योंकी उन्हें रिश्तों को संभालने आता है और पर पुरुष गमन या स्त्री गमन जैसे कोई भी चीज नहीं होती और इनकी अपेक्षाएं भी काफी कम होती है। यही कारण है कि आज भी छोटे शहर और गांव में लोग ज्यादा खुश हैं पर शहर में अपने पति पत्नी के बीच की दूरिया बढ़ने लगी है। समय रहते अगर लोग इसे नहीं संभाले तो वो स्थिति दूर नहीं है जब कोई भी विवाह २-३ वर्ष से ज्यादा नहीं टिकेगी।

aajkal girls ka shadi late hone se kya nukshan ho rha hai samj me

बडी उम्र की कुँवारी लड़कियाँ घर बैठी हैं 👏🏻अगर अभी भी माँ-बाप नहीं जागे तो स्थितियाँ और विस्फोटक हो सकती हैं।समाज आज बच्चों के विवाह को लेकर इतना सजग हो गया है कि आपस में रिश्ते ही नहीं हो पा रहे हैं।समाज में आज 27-28-32 उम्र तक की बहुत सी कुँवारी लडकियाँ घर बैठी हैं क्योंकि इनके सपने हैसियत से भी बहुत ज्यादा हैं ! इस प्रकार के कई उदाहरण हैं। ऐसे लोगों के कारण समाज की छवि बहुत खराब हो रही है।सबसे बडा मानव सुख, सुखी वैवाहिक जीवन होता है। पैसा भी आवश्यक है, लेकिन कुछ हद तक।पैसे की वजह से अच्छे रिश्ते ठुकराना गलत है। पहली प्राथमिकता सुखी संसार व अच्छा घर-परिवार होना चाहिये।ज्यादा धन के चक्कर में अच्छे रिश्तों को नजर-अंदाज करना गलत है। "संपति खरीदी जा सकती है लेकिन गुण नहीं।"मेरा मानना है कि घर-परिवार और लडका अच्छा देखें लेकिन ज्यादा के चक्कर में अच्छे रिश्ते हाथ से नहीं जाने दें।सुखी वैवाहिक जीवन जियें। 30 की उम्र के बाद विवाह नहीं होता समझौता होता है और मेडिकल स्थिति से भी देखा जाए तो उसमें बहुत सी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।आज उससे भी बुरी स्थिति कुंडली मिलान के कारण हो गई है।आप सोचिए जिनके साथ कुंडली मिलती है लेकिन घर और लड़का अच्छा नहीं और जहाँ लड़के में सभी गुण हैं वहां कुण्डली नहीं मिलती और हम सब कुछ अच्छा होने के कारण भी कुण्डली की वजह से रिश्ता छोड़ देते हैंआप सोच के देखें जिन लोगो के 36 में से 20 या फिर 36/36 गुण भी मिल गए फिर भी उनके जीवन में तकलीफें हो रही हैं, क्योंकि हमने लडके के गुण नहीं देखे | पढे लिखे आधुनिक समाज को एक सदी और पीछे धकेल दिया ! आजकल समाज में लोग बेटी के रिश्ते के लिए (लड़के में) चौबीस कैरेट का सोना खरीदने जाते हैं, देखते-देखते चार पांच साल व्यतीत हो जाते हैं |उच्च "शिक्षा" या "जॉब" के नाम पर भी समय व्यतीत कर देते हैं। लड़के देखने का अंदाज भी समय व्यतीत का अनोखा उदाहरण हो गया है?खुद का मकान है कि नहीं? अगर है तो फर्नीचर कैसा है? घर में कमरे कितने हैं ? गाडी है कि नहीं? है तो कौनसी है? रहन-सहन, खान-पान कैसा है? कितने भाई-बहन हैं? बंटवारे में माँ-बाप किनके गले पड़े हैं? बहन कितनी हैं, उनकी शादी हुई है कि नहीं? माँ-बाप का स्वभाव कैसा है? घर वाले, नाते-रिश्तेदार आधुनिक ख्यालात के हैं कि नहीं?बच्चे का कद क्या है?रंग-रूप कैसा है?शिक्षा, कमाई, बैंक बैलेंस कितना है? लड़का-लड़की सोशल मीडिया पर एक्टिव है कि नहीं? उसके कितने दोस्त हैं? सब बातों पर पूछताछ पूरी होने के बाद भी कुछ प्रश्न पूछने में और सोशल मीडिया पर वार्तालाप करने में और समय व्यतीत हो जाता है। हालात को क्या कहें माँ-बाप की नींद ही खुलती है 30 की उम्र पर। फिर चार-पाँच साल की यह दौड़-धूप बच्चों की जवानी को बर्बाद करने के लिए काफी है। इस वजह से अच्छे रिश्ते हाथ से निकल जाते हैं और माँ-बाप अपने ही बच्चों के सपनों को चूर चूर-चूर कर देते हैं।एक समय था जब खानदान देख कर रिश्ते होते थे। वो लम्बे भी निभते थे | समधी-समधन में मान मनुहार थी। सुख-दु:ख में साथ था। रिश्ते-नाते की अहमियत का अहसास था।चाहे धन-माया कम थी मगर खुशियाँ घर-आँगन में झलकती थी। कभी कोई ऊँची-नीची बात हो जाती थी तो आपस में बड़े-बुजुर्ग संभाल लेते थे। तलाक शब्द रिश्तों में था ही नहीं | दाम्पत्य जीवन खट्टे-मीठे अनुभव में बीत जाया करता था। दोनों एक-दूसरे के बुढ़ापे की लाठी बनते थे और पोते-पोतियों में संस्कारों के बीज भरते थे। अब कहां हैं वो संस्कार? आँख की शर्म तो इतिहास हो गई। नौबत आ जाती है रिश्तों में समझौता करने की।अगर अभी भी माँ-बाप नहीं जागेंगे तो स्थितियाँ और विस्फोटक हो जाएंगी। समाज के लोगों को समझना होगा कि लड़कियों की शादी 22-23-24 में हो जाये और लड़का 25-26 का हो। सब में सब गुण नहीं मिलते।"घर, गाड़ी, बंगला से पहले व्यवहार तोलो। माँ बाप भी आर्थिक चकाचोंध में बह रहे है । पैसे की भागम-भाग में मीलों पीछे छूट गए हैं, रिश्ते-नातेदार।टूट रहे हैं घर परिवार | सूख रहा है प्रेम और प्यार।परिवारों का इस पीढ़ी ने ऐसा तमाशा किया है कि आने वाली पीढ़ियां सिर्फ किताबों में पढ़ेंगी "संस्कार"। समाज को अब जागना जरूरी है अन्यथा रिश्ते ढूंढते रह जाएंगे।

reel dekhne ka nukshan kya hai

मेरा मानना था, कि पत्नी के साथ प्रेम वासना और उसकी सभी जरूरत यदि मैं पूरा करूं तो जीवन अच्छे से कटेगा और मैं पूरी तरह से तैयार था विवाह करने के लिए मैं मेरा खुद का व्यापार है, तो मुझे ऐसी लड़की चाहिए थी, जो स्मार्ट हो व्यापार में मेरा काम सम्भाल सके, १० लोगो के साथ उठना बैठना हो तो उसे तरीका आता हो कई लड़की छटने के बाद अंजली से मेरा विवाह हुआ, अंजली दिखने एम किसी परी से कम नहीं थी, सुन्दर के साथ दिमाग भी, और मैं तो पहले ही तैयार थे, शादी के 3 महिनें तो मैने उसे खूब खुश रखा, हमारे बीच जिस्मानी संबंध बहुत अच्छे थे, मुझे ऐसा लगता था कि मुझे ऐसी लड़की मिल गई है जो बिना बोले मेरी जरूरत समझती है, एक अच्छे शादी शुदा रिश्ते के लिए शारीरिक सुख का होना बहुत जरूरी है, लेकिन हर चीज की एक मियाद होती है धीरे धीरे सेक्स से भी मन हटने लगा था, और काम के दबाव की वजह से भी ये करने का मन नहीं करता था लेकिन असली दिक्कत अब शुरू हो रही थी मैडम की डिमांड थी, की मैं अपने मां बाप के साथ एक अलग फ्लैट में रहूं मैने बोला क्यों, ऐसा क्या दिक्कत है, तो उधर से जवाब आता मुझे प्राइवेसी चाहिए, और जो मम्मी पापा के रहते पॉसिबल नहीं है मैने बोला अरे कैसी प्राइवेसी अपना घर है, अपना कमरा है जैसे मन रहो तो वो बोलती है तुम्हे जितना आसान लगता है उतना नहीं है , मैने पूछा कैसे उसने बोला तुम घर में क्या पहनते हो मैने जवाब दिया निक्कर और बनियाईं हां तो मैं नहीं पहन सकती है अगर तुम हो तो पहन लूंगी पर मम्मी पापा के सामने नहीं तुम्हे जैसे मन करता है तुम वैसे रहते हो, लेकिन मुझे दिन भर कुर्ती लेगिंग सलवार सूट ये सब पहनना होता है मैने मैडम से तुरंत बोला तो क्या इसमें तुम comfortable नहीं हो ? उनका जवाब था हूं लेकिन जितना शर्ट्स और t shirt me रहती hun उतना नहीं हूं, देखो मैं जब घर( मायके) जाती हूं तो पापा हो या मम्मी आराम से निक्कर और t shirt पहन के सोफा पर बैठ जाती हूं लेकिन यह मुझे मर्यादा में रहन पड़ता है, कहने को तो अपना घर है पर फिर भी ऐसा लगता है जैसे किसी public place पर हूं मुझे भी लगा यार बात तो सही कह रही है ये मैने इस बारे में अपने मां पापा से बात की पापा को तो कोई आपत्ति नहीं थी पर मां राजी नहीं हुईं और उन्होंने कहा कि मेरा घर है बहु को मेरे हिसाब से रहना होगा अब मैं इस आपत्ति में फंसा हुआ हूं कि मां मेरी अपनी है जिसने मुझे जन्म दिया है पत्नी वो है जिसके साथ आगे की पूरी जिंदगी कटनी है अब शादी को 8 महीने ही हुए हैं पत्नी चाहती है कि मैं अलग रहूं छोटे कपड़े पहनु मां चाहती हैं कि पत्नी उनके हिसाब से रहे इस लिए दोनों में काफी अनबन होती है जसिका खामियाजा मुझे भुगतना पड़ता है इसी दौरान मेरी नजर एक दिन मैडम के फोन पर गई, और इंस्टाग्राम खुला हुआ था, जिसमे एक कपल जो iit से पढ़ा लिखा था रील बना कर ये बता रहा था कि क्यों लोगो को अपने मां बाप से अलग रहना चाहिए एक बार स्क्रॉल किया तो नई रील आई उसने बता था कि कैसे सा ससुर के रहने से लड़कियों की आजादी छिन जाती है तीसरी बार किया तो एक रील आई जिसमें ये बात रहा था कि कैसे मां बाप से अलग रहने पर आपस में प्यार बढ़ता है मैं तुरंत इनकी समस्या समझ गया, कि वास्तव में दिक्कत प्राइवेसी, प्यार का काम होना नहीं है दिक्कत है आज कल के क्रिएटर जो कुछ भी मन में आए वो बना देते हैं मैने सोचा इस बारे में की भले बना तो रहे हैं पर बात तो सही बोल रहे फिर मैने अलग अलग source से ये जाने की कोशिश की कि मां बाप क्या चाहते हैं जवाब मिला मां बाप अपने बुढ़ापे में बस हमारा साथ चाहतें हैं, व्यापारिक background होने की वजह से अलग अलग लोगो के माता पिता से जान उन्हें बस हमारी उपस्थिति चाहिए और कुछ नहीं ये बात सुनकर मैं स्तब्ध था और सोचा किसी भी कीमत पर मां बाप को छोड़ना सही नहीं है बल्कि सही लड़की से शादी करना ज्यादा जरूरी है, और लड़की हो या लड़का या बच्चे या मां बाप उन्हें इन बे फिजूल के रील वाले कल्चर से अलग ही रखना चाहिए उस दिन के बाद से मैने अपनी पत्नी को साथ में ऑफिस लेके आया, देखता जब भी वो रील देखती मैं उसे कोई काम देता वो फोन नीचे रखती ऑफिस में बड़े डॉक्टर आते उन्होंने भी रील से होने वाले नुकसान को बताया धीरे धीरे रील देखना बंद हो गया और पत्नी का अलग घर में रहना और प्राइवेसी ना मिलना वाला दिक्कत भी खत्म हो गया आज भी कभी कभी उन्हें छेड़ने के लिए बोल देता हूं कि अलग घर ले लेते हैं तुम्हे छोटे कपड़े पहनने में दिक्कत होगी तो मुझे आंख दिखाने लगती है दोस्तों ये समस्या सभी के घर में हैं, एक बार जरूर देखिए ये मोबाइल अनजाने में हमारे परिवार संस्कार और संस्कृति को तोड़ने का काम कर रहा है

kuch reel dekhna pacche ke liye sahi nhi hota

शादी के बाद जितना अच्छा सेक्स उतना अच्छा जीवन, ग्रंथो में भी लिखा है एक गृहस्थ के लिए रति क्रिया उतनी ही जरूरी है जितना प्यासे के लिए पानी और रोगी के लिए औषधि पति द्वारा पत्नी से प्रेम का इजहार करना, पत्नी द्वारा पति को आलिंगन करना, उससे मोह रखना, दिन में रूठना और रात होते ही, लिपट के सो जाना, एक अच्छे दांपत्य जीवन का सूचक है, लेकिन ये सब तभी अच्छा होता है, जब ये 4 दीवारों के भीतर हो, खास तौर से सम्भोग क्रिया, लेकिन आज के समय में ये एक कमाई के जरिया बन गया है आज इंटरनेट पर तमाम ऐसी sits अवेलेबल है, जहां पर आप को नए नए यॉन्ग couple यौन क्रिया करते दिखाए देंगे, उनकी उम्र 25 साल से लेके 40 45 साल तक है, और ये लगे हुए हैं अपनी ही सभोग क्रिया की वीडियो बनाने में मुझे इन सब के बारे में नहीं पता था, एक दिन एक मेरा बेटा शर्ट्स देखता है, इंस्टाग्राम के ऊपर, ज्यादातर video cartoon और फन की आती है लेकिन तभी अचानक एक video की आवाज मेरे कान में जाती है जिसमे एक लड़की बोलती है, दोस्तों आप की डिमांड पर। मैने वीडियो डाल दी है, और फिर एक आदमी की आवाज आती है, जिसमे बोलता है एक बार देखिए आज इसकी फाड़ के रख दिया हु अब इस लड़की को देखिए कितनी सुंदर है मैने तुरंत बच्चे से फोन लिया और बदले में उसके लिए टीवी खोल दी उस रील से मैं उनकी प्रोफाइल में गया और वहां पर 15 सेकेंड की ऐसी हजारों रील थी और उनके #account पर एक लिंक था जिसपे क्लिक कर के मै दूसरी साइट पर पहुंच गया अब साइट पर जाते ही मेंबरशिप लेने की बात जिसका खर्चा मात्र 499 था, मैने लिया नहीं और नीचे स्क्रॉल किया तो डेमो था जब इसमें मैने क्लिक किया , ये दोनो वही couple the जिनकी रील मैने देखी थी और अंदर इनके नग्न #video संभोग के सीन, थे जो कहीं से भी बच्चों के लिए सही नहीं है और मजे की बात ये इन सब का acess बिल्कुल आसान है, ना कोई id बनानी है ना कोई ओटीपी आना है ? जो कि बच्चों के लिए भी इसे उतना ही आसान बनाता है जितना हमारे जैसे बड़ों के लिए इसके बाद मैने और खोज बीन की और इनके बारे में पता किया तो पता चला ये दोनो पति पत्नी हैं जिनकी शादी मात्र 2 साल पहले हुई है, पहले ये साथ में फनी वीडियो बनानते थे, एक वीडियो बनाई जिसमे इनकी पत्नी का blowse काफी डीप नेक था, और स्तन आधा से ज्यादा दिख रहे थे, ये video वायरल हुई और लाखो लाइक आए उसके बाद ये जब अच्छी video बनाए तो ispe कोई responce नहीं आया, इस बार ये फिर से डीप नेक के साथ बनते हैं ये video वायरल हो गई अब हर वीडियो के साथ लाइक पाने की लालसा में इनको पत्नी के कपड़े छोटे होते गए, और पति की हरकते अश्लील अब इन्हें लाइक मिल रहे थे video पर views थे लेकिन इंस्टाग्राम इन्हें पैसे नहीं दे रहा था तब इनके पास एक एडल्ट साइट से ऑफर आता है, और ये उसने ज्वाइन होते हैं वहां पर इन्हें बताया गया कि आप की वीडियो विदेश में देखी जाएगी, एक बार इनकी अश्लील वीडियो साइट पर aagayi तो ये फंस गए अब इन्हें पैसे कमाने की ललक थी साथ में लाइक भी पाना था तो ये तुरंत ही अपनी इन video को reel के माध्यम से प्रमोट करने लग गए और लोग साइट पर जाके इनकी वीडियो देखते और बदले में इन्हे पैसे मिलते अब सोचिए लाइक पाने के लिए बनाया गया वीडियो कैसे आप को अश्लील कंटेंट के कारोबार में धकेल दिया? इनकी अच्छी वीडियो पर views नहीं आते थे पर अश्लील पे मिलियन में views आने लगे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इसे प्रमोट करते हैं? या फिर हम जैसे लोग इसे ज्यादा पसंद करते हैं और ये वीडियो वायरल होती है ? बड़ों के लिए तो ठीक है लेकिन आप का बच्चा कभी अचानक से ऐसी अश्लील video देख ले तो उसके मानसिक स्थिति पर क्या असर पड़ेगा इनकी video देख के और कमाई देख के अन्य लोग भी इसी फील्ड में काम कर रहे बिना ये सोचे कि उनका भविष्य कैसा होगा क्यों की ये पैसे बनाने का आसान तरीका है आखिर कौन है इसका जिम्मेदार, Social media sites जो इसे प्रमोट कर रहे हैं हम लोग जो इसे देख रहे हैं या हमारी सरकार जो लोगो को अच्छा रोजगार दिलाने में सक्षम नहीं है ??

aajkal ke parents apne bacche ko usse shadi nhi krte jisko usko bacche 4-5 year se jante hai or use koi v anjan paise wale se shadi kra dente hai jisko vo jante v nhi hai kaisa hai kaisa koin c buri aadat hai or parants ki galti ki saja usnke bacche ko sari uper bhugtna prta hai

जागरूकता सन्देश- पति पत्नी के बीच एक भरोसे का काम करता है संभोग, लेकिन सेक्स कब आपके पति का से आप का विश्वास हिला दे ये कोई नहीं जानता, 2 भाइयों में मैं अकेली थी पापा मेरे काफी रसूख परिवार से थे, भगवान की दया हमारे पास हर वो चीज थी, जिसके लिए लोग सपना देखते हैं 12 पास करने के बाद मुझे मुझे कॉलेज में एडमिशन दिलाया गया और मैं कॉलेज जाना शुरू कर दी कॉलेज में ही मुझे अमित मिले मैं लाइन में लगी थी फार्म जमा करने के लिए और पीछे से अमित आते हैं और बोलते हैं इस तरह धूप में खड़ी रहेगी तो बेहोश होकर गिर जाएगी आ चल में तेरा फॉर्म जमा कर आता हूं। अमित के साथ सीधे रजिस्टार ऑफिस में घुस गई और 2 मिनट के अंदर में फॉर्म जमा कर दिया अमित से पहली मुलाकात थी इतनी अजीब हुई थी कि मुझे मौका ही नहीं मिला कि उन्हें शुक्रिया कहूं या उनका नाम पूछो और ना ही अमित ने इन चीजों में कोई रुचि दिखाई उन्होंने मेरा काम कराया और कहां गायब हो गए मुझे पता भी नहींचला कॉलेज शुरू होने के 3 महीने बाद अमित मुझे फिर से दिखाई दिए और मैं जब उन्हें देखा तो तुरंत पहचान गई लेकिन उन्होंने तो मुझे पहचान भी नहीं बाद में पता चला कि यह मुझे एक साल सीनियर है मैं मौके को हाथ से छोड़कर जाने देना नहीं चाहती थी और मैं तुरंत अमित के पास पहुंचे और उन्हें शुक्रिया कहा बाद में पता चला की अमित के पापा और मेरे पापा काफी घनिष्ठ दोस्त हैं उसके बाद हम दोनों के बीच में भी दोस्ती काफी अच्छी हो गई अमित का मेरे घर आना जाना हो गया और मन ही मन में अमित को पसंद करने लगी थी इसी तरह हमारी दोस्ती को 5 साल हो गए थे और 5 साल में कब अमित और हम प्यार में फंस गए पता ही नहीं चला ना कभी आज तक अमित ने मुझे अपने प्यार का इजहार किया ना मैं अमित से कभी अपने प्यार का इजहार किया पर हम दोनों को पता था कि हम दोनों एक दूसरे से बहुत मोहब्बत करते हैं अमित की नौकरी मुझे 1 साल पहले लग गई और 1 साल बाद मेरी भी नौकरी लग गई उसके बाद क्या हुआ कि हम और अमित दोनों एक ही शहर में पोस्ट ले लेते हैं जिस तरह मेरे पापा काफी रसूखदार परिवार से थे उसी तरह अमित के पापा भी काफी बड़े परिवार से थे और समाज में अच्छी हैसियत रखते थे और ऊपर से सोने पर सुहागा मेरे पापा और अमित के पापा की 15 साल पुरानी दोस्ती भी थी चंडीगढ़ में साथ काम करते-करते हम दोनों का एक दूसरे के फ्लैट पर आना-जाना बढ़ गया मैं हर वक्त अमित के करीब आना चाहती थी क्योंकि मैं उनसे बेइंतहा प्यार करती थी पर वह हर बार मुझे दूर करते थे और बोलते थे देख किट्टू एक दिन तू यह करना ही है तो इंतजार करते हैं ना शादी करते हैं फिर करेंगे और मैं उनके ऊपर जोर-जोर से हंस दिया करती थी खैर हम दोनों अपने लाइफ में काफी अच्छे से सेटल थे अब मेरे घर पर शादी की बात चलना शुरू हुई थी मैंने मौका ना गवाते हुए तुरंत ही अमित के बारे में अपने पापा को बताया पापा ने मुझे कुछ बोला नहीं और चुपचाप वहां से चले गए मैं अंदर से बहुत खुश थी कि चलो पापा समझते हैं मुझे लेकिन तभी शाम को मेरे बड़े भैया आते हैं और मुझे जोर से एक थप्पड़ मारते हैं और बोलते हैं यही सब करने के लिए तुझे बाहर भेजा गया था मैं बोलता हूं मैं क्या गलत किया भैया उन्होंने बोला अगर प्यार करना भी था तो किसी अपने बराबर के लोगों के साथ करती मैंने बोला मैं 6 साल से अमित को जान रही हूं और 3 साल से प्यार कर रही हूं क्या इतना समय कम होता है किसी को जानने के लिए इस पर भैया ने मुझे कुछ बोला नहीं और बोला कि तेरी शादी उससे नहीं हो सकती है और भूल जाओ उसे मैं अमित को यह बात बताई तो अमित ने बोला कोई बात नहीं है तू टेंशन ना ले मैं हैंडल करता हूं अमित ने घर पर आकर के अपने पापा से यह बात बोली कि मैं किट्टू से प्यार करता हूं और मैं उससे शादी करना चाहता हूं उसके पापा काफी ज्यादा खुश थे और वह अगले ही दिन मेरे घर आते हैं और बहुत गर्म जोशी से पापा से मिलते हैं पर मेरे पापा का व्यवहार काफी ठंडा रहता है उन्होंने अपनी बात मेरे पापा के सामने रखी की अपनी दोस्ती को रिश्ते में बदलते हैं और किट्टू और अमित की शादी करते हैं मेरे पापा उन्हें कुछ बोलते नहीं है पर हाथ जोड़ते हैं और बोलते हैं ऐसा संभव नहीं है इसके बाद अमित के पापा कुछ भी नहीं बोलते और सीधा वहां से उठकर वापस चले जाते हैं घर पर बहुत बार बोलने के बाद भी मेरे पापा और मेरे भाई मेरी शादी के लिए राशि नहीं हुए काफी समय इंतजार करने के बाद मुझे भी यह लगने लगा कि शायद मैंने कुछ गलत किया है क्योंकि मेरा परिवार कभी भी मेरे किसी डिसीजन के खिलाफ नहीं जाता था फिर इसी के खिलाफ क्यों फिर बाद में मुझे पता चला कि हमारी शादी न होने का सबसे बड़ा कारण है हमारी जात का एक न होना हम दोनों ही जनरल केटेगरी से थे पर फिर भी मैं उच्च कूल की ब्राह्मण थी और वह एक वैश्य था फिर पापा ने अपने ही हैसियत के बराबर के एक लड़के से मेरी शादी कराई रसूखदार परिवार था मेरे शहर से तकरीबन 100 किलोमीटर दूर काफी बड़ी कोठी और सबसे बड़ीबात इस बार लड़का अपनी जात का था शादी की बात फिक्स होते ही सबसे पहले मेरे पापा आते हैं और मुझे बोलते हैं देखा कि तू मैं एक ऐसा लड़का तेरे लिए ढूंढा है जिसके घर में शराब सिगरेट तो दूर कोई सुपारी भी नहीं खाता मैंने अपने पापा से पूछा आपको कैसे पता चला पापा ने बोला उनके घर में एक भी पान का पत्ता या शराब जैसी कोई चीज नहीं दिखाई थी अगल-बगल से भी पता लगाया तो किसी ने भी नहीं बोला कि यह लोग कुछ ऐसा काम करते हैं मेरी शादी होती है काफी धूमधाम से काफी ज्यादा दहेज दिया जाता है सिर्फ इसलिए कि लड़का अपनी जात का है और काफी रसूखदार परिवार से है सुहागरात की सेज पर में बैठी रहती हूं और मेरे पति कमरे में आने में काफी देरी करते हैं लगभग रात को 1:00 बजे आते हैं और वह दारू के नशे में रहते हैं और मुझे बोलते हैं आई एम सॉरी दोस्तों ने जबरदस्ती पिला दी क्योंकि आज मेरी शादी है और मैं उन्हें मना नहीं कर सकता मैंने कुछ बोला नहीं और दूसरी तरफ मुंह करके सो गई और दूसरी तरफ मुंह करके वह भी सो गए पर मेरे मन में ही यह सवाल आया कि पापा ने तो कहा था कि लड़का और उसका पूरा परिवार शराब तो छोड़ो सुपारी भी नहीं खाता इस बात का क्या अगले दिन सुबह सब कुछ सही रहता है घर में सारी रस्म की जाती है और रात का समय होता है मैं वापस अपने कमरे में जाती हूं जब मैं अपने पति को फोन करती हूं तो वह मुझे बोलना है कि तुम खाना खाकर सो जाओ मुझे थोड़ा समय लगेगा मैंने बोला कोई बात नहीं है आपको जितना भी समय लगे आप लगाइए मैं आपका इंतजार करूंगी इस बार वह रात को 3:00 बजे आए और पूरे तरीके से नशे में थे मेरी सब्र का बांध टूट गया और मैं तुरंत बोला आप तो शराब नहीं पीते ना तो फिर रोज-रोज शराब पी के कैसे आतेहैं वह हंस के मुझे बोलते हैं चल सो जा पगली मुझसे सवाल जवाब ना कर मैंने बोला मेरा हक बनता है मैं आपकी पत्नी हूं और वह एक हवन की तरह मेरे ऊपर झापड़ पड़ते हैं और मेरे साथ संभोग करना शुरू करते हैं और बोलते हैं पत्नी है तो पत्नी धर्म निभा चल मुझे खुश कर वह संभोग जो एक पति-पत्नी के लिए उनके विश्वास की कड़ी रहता है मेरे लिए मेरी सुहागरात के दिन ही डर का कारण बन गया मैं यह बात किसी से भी नहीं कह सकती थी क्योंकि मेरे दोनों भाइयों की शादी नहीं हुई थी और पापा से तो बोलने का सवाल ही नहीं होता जब मैं यह बात अपनी मां को बताई तो मां ने बोला यह तो हमेशा से होता आया है तुम उसकी पत्नी हो तुम नहीं उसके साथ यह करोगी तो कौन करेगा कोशिश करो बातों को भूलने की उसे दिन के बाद से मैं हर रोज रात में दर में सोती हूं मुझे नहीं पता होता कि मेरे साथ संभोग किया जाएगा या मेरा बलात्कार होगा वह भी मेरे पति के द्वारा मैं उसे समाज की हिस्सा हूं जहां पर यदि मैं किसी को 5-7 साल से जान रही हूं तो वह मेरे लिए अजनबी है मेरी उससे शादी नहीं कराई जाएगी पर वही मेरे पिता और मेरे भाई मुझे किसी अनजान के बिस्तर पर फेंक देते हैं ताकि वह नशे में आकर के मेरा बलात्कार कर सके मैं निशब्द हूं समय रहते यदि मैं अपने प्यार के लिए लड़ाई की होती तो आज मेरी यह स्थिति ना होती और मैं प्रत्येक मां-बाप से यह बोलना चाहूंगी की हम बेटियां हैं हमें ऐसे संस्कार दिए जाते हैं कि हम ज्यादा खुलकर आपके सामने नहीं बोल सकते पर हमारे भविष्य का निर्णय लेना आपके हाथ मेंहै यदि आपकी बेटी को किसी से प्यार है और वह काफी लंबे समय से इस घोर कलयुग में उसके साथ है उसे जानरहा है तो जात-पात का चक्कर छोड़ पैसे का चक्कर छोड़ उसे उसके साथ जिंदगी बिताने दीजिए तभी सही मायने में आप एक अच्छे मां-बाप कहलाएंगे क्योंकि आपकी खुशी आपके बच्चों से है ना कि इस समाज से जो की जात की वजह से आपको और आपके परिवार का आकलन करता है, फिर भी इस कहानी पर सन्देह है तो आज कल जितने तलाक के केस आ रहे है उन्हें समझिए, वक़्त के साथ सोच भी बदलने की जरूरत है ।

ek female other female ko khud ko kapre ko sahi dhang se kaise pahne na kisi emale ki glati ho or kisi male ko blem kre

(#इज्जत) मेरी आदत थी कि जब भी मैं किसी के घर काम करने जाती तो सबसे पहले अपना दुपट्टा उतारकर टाँग देती,फिर काम शुरू करती। पिछले एक हफ्ते से नया घर पकड़ा है। घर में कुल जमा चार सदस्य हैं। आँटी, अंकल और उनके दो बेटे। वह देर से बुलाती हैं और ज़्यादा काम भी नही होता इसीलिए सब जगह से काम निपटाकर आख़िरी में उनके यहाँ जाती और फुर्सत पाकर थोड़ी देर आँटी से बात भी कर लेती हूँ तो थकान दूर हो जाती है। रोज की तरह आज मैं बड़ी तन्मयता से पोंछा लगा रही थी। पास ही कुर्सी पर बैठी आँटी से बतियाती भी जा रही थी अचानक उन्होंने पूछा "सुधा,तू हर जगह ऐसे ही काम करती है ..बगैर दुपट्टे के?" "हाँजी आँटी जी..मुझसे दुपट्टा लेकर काम बिल्कुल नही होता"..हाथ चलाते हुए मैंने जवाब दिया। "बुरा ना मानना ! तू मेरी बेटी समान है इसीलिए कह रही हूँ।" पल भर के लिए आँटी चुप हो गईं फिर बोलीं "ज़रा अभी अपने कुर्ते के गले की ओर देखना" मैंने अपने गले की तरफ देखा तो मैं खुद ही खिसिया गई.. कुर्ते का गला बड़ा था इस वजह से मेरे शरीर का बहुत कुछ हिस्सा दिख रहा था; यहाँ तक कि थोड़ी सी शमीज़ भी। "देखा?औरत होकर बार-बार मेरी निगाह पड़ जाती है;तो गलती से ही सही,अगर आते जाते मर्दों की नज़र पड़ जायें तो तुम लोग ही कहोगी कि फलाँ घर के आदमी बहुत ख़राब हैं,कामवालियों को देखते रहते हैं।लेकिन जब सामने कुछ दिख रहा हो.. तो किसी की भी नज़र पड़ ही जाती है। अब कोई आँख बंद करके तो नही चल सकता न? इसीलिये खुद ही कायदे से रहना चाहिए। चल मैं तुझे बताती हूँ कैसे करना है,,,देख ऐसे" आँटी ने बड़े प्रेम से अपनी साड़ी के पल्लू से ढककर बताया। वो मुझे समझा रही थीं और मैं उन्हें एकटक देखे जा रही थी।ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरी माई बोल रही हैं ;जो बहुत पहले इस दुनिया से चली गई थी..तब शायद मैं आठ-नौ वर्ष की थी। "ऐसे क्या देख रही है तू? "आँटी ने कहा तो मेरा गला भर आया "सही कह रही हैं आप! लेकिन आज तक किसी ने मुझसे कुछ नही कहा, न ही कुछ बताया; शायद इसीलिये इस ओर कभी मेरा ध्यान ही नही गया.." कहते हुए मैंने दुपट्टा सामने से ढककर कमर में कसकर बाँध लिया।

ek girl boys apne payar ko kvi puri tarh se nhi bhul skte jb koi dukh prega fir yaad aa hi jayega

लड़की अपने बॉयफ्रेंड से पूछती है • अच्छा किसी दूसरे लड़के से मेरा विवाह हो जाए तो तुम क्या करोगे लड़का - तुम्हें भूल जाऊंगा (लड़के ने बहुत छोटा सा जवाब दिया) ये सुनकर लड़की गुस्से में दूसरी तरफ घूम कर बैठ गई फिर लड़के ने कहा - सबसे बड़ी बात कि तुम मुझे भूल जाओगी जितना जल्दी मैं तुम्हें भुला सकूंगा उससे ज्यादा जल्दी तुम मुझे भुला दोगी ! कैसे? लड़की ने पूछा लड़के ने बोलना शुरू किया "सोचो विवाह का पहला दिन है तुम एक तरह के घर में हो शरीर पर जेवर चेहरे पर मेक अप चारों तरफ कैमरे का फ्लैश और लोगों की भीड़ जहां तुम मुझे चाह कर भी याद नहीं कर सकती ! "और मैं तुम्हारे विवाह की खबर सुनकर दोस्तों के साथ कुछ उटपटांग पी कर किसी कोने में पड़ा रहूंगा और फिर जब मुझे होश आएगा तब मैं तुम्हें धोखेबाज बेवफा बोलकर गाली दूंगा ! " "फिर जब तुम्हारी याद आएगी तो दोस्त के कंधे पे सरकार रख के रो लूंगा ! " विवाह के बाद तुम्हारा बिजी टाइम शुरू फिर तुम अपने पति और हजार तरह के रस्मों को निभाने में बिजी रहोगी. फिर कभी कभी तुम्हें मेरी याद आएगी जब तुम अपने पति का हाथ पकड़ोगी उसके साथ बाइक पर बैठोगी! "और मैं आवारा की तरह इधर उधर घूमता रहूंगा जैसे जिंदगी का कोई मकसद ही नहीं और अपने दोस्तों को समझाऊंगा कि "कभी प्यार मत करना कुछ नहीं मिलता जिंदगी खतम हो जाती है प्यार के चक्कर में कुछ वक्त बाद तुम पति के साथ हनीमून पर जाओगी नया घर होगा शॉपिंग होगी नयी जिम्मेदारियां अब तुम बहुत खुश हो अचानक तुम्हें मेरी याद आएगी और तुम सोचोगी. "पता नहीं किस हाल में होगा और मेरी खुशी की प्रार्थना मांगते हुए वापस अपने परिवार में बिजी हो जाओगी ! मैं अब तक मम्मी पापा भाई या फिर दोस्तों से डांट सुन सुन कर लगभग सुधर गया हूं सोच लिया अब कोई काम करना है एक अच्छी सी लड़की से विवाह करके तुम्हें भी दिखा देना है और सबको यही बोलूंगा कि भुला दिया है मैंने तुम्हें लेकिन तब भी मैं तुम्हारे मैसेजेस को आधी रात को निकाल कर पढूंगा और सोचूंगा शायद मेरे प्यार में ही कमी थी जो तुम्हें न पा सका फिर अपनी तकलीफ को कम करने की कोशिश करूंगा २ वर्ष बाद अब तुम कोई प्रेमिका या नई दुल्हन नहीं रही अब तुम #मां बन चुकी हो पुराने आशिक की याद और पति के प्यार को छोड़कर तुम अपने बच्चे के लिए सोचोगी अब तुम अपने बच्चे के साथ बिजी रहोगी मतलब अब तक मैं तुम्हारी जिंदगी से परमानेन्टली डिलीट हो चुका हूं इधर मुझे भी एक अच्छा काम मिल गया है विवाह की बात चल रही है और लड़की भी पसंद हो गई है अब मेरा बिजी टाइम शुरू हो गया अब मैं तुम्हें सचमुच भूल गया हूं अगर किसी जोड़ी को देखता हूं तो तुम्हारी याद आती है लेकिन अब तकलीफ नहीं होती... यहां तक सुनने के बाद लड़के ने देखा लड़की की आंख में आंसू छलक रहे हैं लड़की भरी आंखों से लड़के की तरफ देखती है दोनों बिल्कुल चुप हैं पर आंखे बरस रही हैं थोड़ी देर बाद लड़की -"तो क्या सब कुछ यहीं खतम हो जाएगा? लड़का -"नहीं.! किसी बात जब तुम रूठ जाओगी अपने पति से किसी बात पर लेकिन तुम्हारे पति आराम से सो रहे होंगे पर उस रात तुम्हारी आंखों में नींद नहीं होगी और इधर मैं भी अपनी पत्नी से किसी बात पर खफा होकर तुम्हारी तरह जागूंगा. पूरी दुनिया सो रही होगी सिर्फ हम दोनों के अलावा फिर हम अपने अतीत को याद करके खूब रोएंगे. एक दूसरे को बहुत महसूस करेंगे लेकिन इस बात का भगवान के अलावा और किसी को पता नहीं चलेगा ।

jite ji payar ki kadar kre nhi to baad me pachtane ke siva kuch nhi milta

आस पास के किसी गाँव में कॉलेज न होने से मुझे पढ़ने के लिए में शहर आना पड़ा । यहां किसी रिश्तेदार का एक कमरे का बिना किराये का मकान मिल गया था। आस-पास निर्धन लोगो के घर थे। यहां अकेले होने के कारण सारे काम मुझे खुद ही करने पड़ते थे। खाना-बनाना, कपड़े धोना, घर की साफ़-सफाई करना, सबसे बुरा लगता था बर्तन धोना । कुछ दिन बाद एक पड़ोसी लड़की अपने छोटे भाई के साथ मेरे रूम पर आई। आते ही सवाल किया:- "क्या तुम मेरे भाई को ट्यूशन पढ़ा दोगे ?" मेंने कुछ सोचकर मना कर दिया । मेने कहा "टाइम नही है, मेरी पढ़ाई डिस्टर्ब होगी।" उसने कहा "बदले में मैं तुम्हारा खाना बना दूँगी।" शायद उसे पता था कि मुझे खाना खुद बनाना पड़ता है । मैं चुप रहा तो वह और लालच दे कर बोली :-मैं बर्तन भी साफ़ कर दूंगी।" अब मुझे भी लालच आ गया और बोला "कपड़े भी धो दो तो पढ़ा दूँगा।" वो सहमत होगई। अब उसका रोज घर में आना-जाना होने लगा। वो काम करती रहती और मैं खुद पढ़ने के साथ साथ उसके भाई को पढ़ा रहा होता। ज्यादा बात नही होती। उसका भाई सातवीं कक्षा में था। खूब होशियार भी था। इस कारण कोई ज्यादा माथा-पच्ची नही करनी पड़ती थी ।कभी-कभी वह बिना कहे बड़े ही करीने से घर की सफाई कर दिया करती थी। यूँ ही दिन गुजरते चले गए । एक रोज शाम को वो मेरे घर आई तो उसके हाथ में एक बड़ी सी कुल्फी थी। मुझे दी तो मैंने पूछ लिया:-" कहाँ से लाई हो ? "घर से" उसने उदास चेहरे से जवाब दिया, "आज बरसात होने के कारण कुल्फियां बिक नहीं पाईं।" मैंने फिर कहा:-" मग़र तुम्हारे पापा तो समोसे टिक्की का ठेला लगाते हैं? उसने कहा- "वो,सर्दियों में समोसे-टिक्की और गर्मियों में कुल्फी। और आज बरसात हो गई तो कुल्फी नही बिकी, मतलब ठण्ड के कारण लोग कुल्फी नही खाते।" "ओह" मैंने गहरी साँस छोड़ी। मैंने आज उसे गौर से देखा । गम्भीर मुद्रा में वो उम्र से बडी लगी। समझदार भी, मासूम भी। धीरे-धीरे वक़्त गुजरता रहा। मैं कभी-कभार उसके घर भी जाने लगा। विशेषतौर पर किसी त्यौहार या उत्सव पर। कई बार उससे नजरें मिलती तो मिली ही रह जाती। पता नही क्यों होता था ऐसा ! समय बीतता गया, इस बीच कुछ बातें मुझे उसके बारे में पता चलीं जैसे कि वो बूटे काढ़ने का काम करती है। मतलब किसी ओढ़नी या चुनरी पर धागे से गोल- गोल चमकीले बिंदु बनाना। मैंने बूटे काढ़ने का काम करते उसे बहुत बार देखा था। एक दिन मेंने उसे पूछ लिया:-" ये काम तुम क्यों करती हो?" वह मुस्कुरा के बोली:-"पैसे मिलते हैं।" "क्या करोगी पैसों का?" "इकठ्ठे करती हूँ।" "कितने हो गए?" "यही कोई छः-सात हजार।" "अरे, तो मुझे हजार रुपये उधार दे दो । जल्दी लौटा दूंगा।" मैंने मांग लिए। उसने सवाल किया:-"किस लिए चाहिए?" "कारण पूछोगी तो रहने दो।" मैंने मायूसी के साथ कहा। वो बोली अरे मेंने तो "ऐसे ही पूछ लिया। तू माँगे तो सारे दे दूँ।" उसकी ये आवाज़ अलग सी जान पड़ी। मग़र मैं उस वक़्त कुछ समझ नही पाया। पैसे मिल रहे थे उन्ही में खोकर रह गया। एक दोस्त से उधार लिए थे और कमबख्त दो - तीन बार वापस माँग चूका था। एक दिन मेरी जेब में गुलाब की टूटी हुई सूखी पंखुड़ियाँ मिलीं मग़र मैं यही सोच कर रह गया कि कॉलेज के किसी दोस्त ने चुपके से डाल दी होगी। उस समय इतनी समझ भी नही थी । एक दिन कॉलेज की मेरी एक दोस्त मेरे घर आई कुछ नोट्स लेने। मैंने दे दिए। और वो मेरे घर के बाहर खडी थी और मेरी दोस्त को देखकर बाहर से ही तुरंत अपने घर वापस हो गई । फ़िर दूसरे दिन दोपहर में ही आ धमकी और आते ही कहा:-" मैं कल से तुम्हारा कोई काम नही करूंगी।" मैने पूछा "क्यों ?" बड़ी देर तो उसने जवाब ही नही दिया। फिर धोने के लिए मेरे बिखरे कपड़े समेटने लगी। मैने कहा "कहीं बाहर जा रही हो?" उसने कहा "नही। बस काम नही करूंगी। और मेरे भाई को भी मत पढ़ाना कल से।" मैने कहा "अरे तुम्हारे हजार रूपये कल दे दूंगा। कल घर से पैसे आ रहे हैं।" मुझे पैसे को लेकर शंका हुई इसलिए पक्का वादा कर दिया । "पैसे नही चाहिए मुझे।" जवाब मिला "तो फिर ?" मैने आँखे उसके चेहरे पर स्थिर कीं । उसने एक बार मुझसे नज़र मिलाई तो लगा हजारों प्रश्न है उसकी आँखों में। मग़र मेरी समझ से बाहर थे। उसने कोई जवाब नही दिया। मेरे कपड़े वह अपने घर से ही धोकर लाया करती थी। दूसरे दिन न वह आई न उसका भाई आया। मैंने जैसे-तैसे खाना बनाया। फिर खाकर कॉलेज चला गया। दोपहर को आया तो सीधा उसके घर चला गया। यह सोचकर कि कुछ कारण तो पता चले काम नही करने का। उसके घर पहुंचा तो पता चला की बीमार है। छप्पर के नीचे पड़ी चारपाई पर लेटी थी अकेली। घर में उसकी मम्मी थी जो काम में लगी थी। मैं उसके पास पहुंचा तो उसने करवट बदलकर मुँह फेर लिया । मैंने पूछा:-" दवाई ली क्या कुछ ?" "नही।" छोटा सा जवाब दिया बिना मेरी तरफ देखे। मैने कहा "क्यों नही ली? उसने कहा "मेरी मर्ज़ी। तुझे क्या ? "मुझसे क्यों नाराज़ हो ये तो बता दो।" तुम सब समझते हो, कोई बच्चे नहीं हो, जवाब दिया बिना मेरी तरफ देखे। मैने कहा "अच्छा दवा क्यों नही ली? उसने कहा "मेरी मर्ज़ी। तुझे क्या? " अच्छा मुझसे नाराज़ क्यों हो यही बता दो।" "तुम सब समझते हो, फिर मैं क्या बताऊँ।" " मुझे कुछ नही पता। सच्ची नहीं पता , तुम्हारी कसम। सुबह से परेशान हूँ। बता दो, प्लीज ।" "नही बताती । जा यहाँ से।" इस बार आवाज़ रोने की थी। मुझे जरा घबराहट सी हुई। डरते-डरते उसके हाथ को छूकर देखा तो उछल कर रह गया। बहुत गर्म था। मैंने उसकी मम्मी को पास बुलाकर बताया। फिर हम दोनों उसे हॉस्पिटल ले गए। डॉक्टर ने दवा दी और एडमिट कर लिया। कुछ जाँच वगेरह होनी थी। क्यूंकि शहर में एक दो डेंगू के मामले आ चुके थे। मुझे अब चिंता सी होने लगी थी। उसकी माँ घर चली गई उसके पापा को बुलाने। मैं उसके पास अकेला था। बुखार जरा कम हो गया था। वह गुमसुम सी लेटी थी और दीवार को एकटक घूरे जा रही थी । मैंने उसके चैहरे को सहलाया तो उसकी आँखों में आँसू आ गए और मेरे भी। मैंने भरे गले से पूछा:- "बताओगी नही?" उसने आँखों में आँसू लिए मुस्कराकर कहा:-" अब बताने की जरूरत नही है। पता चल गया है कि तुझे मेरी परवाह है । है ना?" मेरे होठों से अपने आप ही एक अल्फ़ाज़ निकला:- "बहुत।" उसने कहा "बस । अब मैं मर भी जाऊँ तो कोई गम नही।" उसने मेरे हाथ को कस कर दबाते हुए कहा। उसके इस वाक्य का कोई प्रत्युत्तर मेरे लबों से नही निकल सका मग़र आँखे प्रत्युत्तर को संभाल न सकीं, बरस पड़ीं । वह उठ कर बैठ गई और बोली, रोता क्यूँ है पागल ? मैने जिस दिन पहली बार तेरे लिए रोटी बनाई थी उसी दिन से चाहती हूँ तुझे। एक तू था पागल ! कुछ समझने में इतना वक़्त लगा दिया !" फिर उसने अपने साथ मेरे आँसू भी पोछे। थोडी देर में उसके घर वाले आ गए। रात हो गई थी। उसकी हालत में कोई सुधार नही हुआ। देर रात तक उसकी बीमारी की रिपोर्ट आ गई, पता चला कि उसे डेंगू है। ये जान कर आग सी लग गई मेरे सीने में। खून की कमी हो गई थी उसे। पर ईश्वर की कृपा ये हुई कि मेरा खून मैच हो गया था उससे । दो बोतल खून दिया मैंने तो जरा सुकून सा मिला दिल को। उस रात वह अचेत सी ही रही। बार-बार अचेत अवस्था में उल्टियाँ कर देती थी। मैं एक मिनिट भी नही सोया उस रात ! डॉक्टरों ने दूसरे दिन बताया कि रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से कम हो रही है, खून और चढ़ाना होगा। मैंने अपना और खून देने का आग्रह किया मग़र रात को देने के कारण डॉक्टर ने मना कर दिया । मैंने मेरे कॉलेज के दो चार दोस्तों को बुलाया। साले दस एक साथ आ गए। खून दिया। हिम्मत बढ़ाई । पैसों की जरूरत हो तो देने का आश्वासन दिया और चले गए। उस वक़्त पता चला दोस्त होना भी कितना जरूरी है। पैसों की कमी नही थी, घर से आ गए थे। अगली रात को वो कुछ ठीक दिखी और बातें भी करने लगी। रात को सब सोए थे पर मैं उसके पास बैठा जाग रहा था। उसने मुझे कहा:- "बीमार मैं हूँ तू नही। ऐसी हालत क्यों बना ली है तुमने?" मैंने कहा:-" तू ठीक हो जा पहले। मैं तो नहाते ही ठीक हो जाऊंगा।" उसने उदास होकर पूछा," एक बात बता " मैने कहा "क्या ?" उसने कहा "मैंने एक दिन तुम्हारी जेब में गुलाब डाला था तुझे मिला? मैने कहा "गुलाब की पंखुड़ियाँ मिली तो थीं । "हाँ" उसने कहा "कुछ समझे थे ?" "नही , क्यूँ ?" "सोचा था कॉलेज के किसी दोस्त का मज़ाक है।" "और वो रोटियाँ?" "कौन सी ? " "दिल के आकार वाली।" "वो अब समझ में आ रहा है।" "बुद्धू हो" "हाँ " मैने कहा फिर वह हंसती रही । काफी देर तक। निश्छल मासूम हंसी। "कल सोए थे क्या?" "नही।" "अब सो जाओ । मैं ठीक हूँ मुझे कुछ न होगा।" सचमुच नींद आ रही थीं। मग़र मैं सोया नही। वह फिर से सो गई पर घंटे भर बाद वापस जाग गई। मैं जाग ही रहा था। "सुनो " "हाँ " मैं अलसाया सा बोला। "ये बताओ ये बीमारी छूने से किसी को लग सकती है क्या?" "नही, सिर्फ एडीज मच्छर के काटने से लगती है।" "इधर आओ।" मैं उसके करीब आ गया। "एक बार गले लग जाओ। अगर मर गई तो ये आरज़ू बाकी न रह जाए।" "ऐसा ना कहो प्लीज।" मैं इतना ही कह पाया। फिर वो मुझसे काफी देर तक लिपटी रही और सो गई। फिर उसे ढंग से लिटाकर मैं भी एक खाली बेड पर सो गया। सुबह मैं तो उठ गया पर वो नही उठी और सदा के लिए सो गई। मैंने उसे जगाने की बहुत कोशिश की थी, पर आँखे न खोली उसने। वो सँसार को और मुझे छोडकर इस दुनिया से ही जा चुकी थी, रोता बिलखता छोड़कर, मगर एक सीख देकर । × × × × × × × × × प्यार करने वाले इंसान की सदा कदर करें, प्यार एक ऐसा एहसास है जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता । एक दूसरे की परवाह, एक दूसरी की खुशियां ही सच्चा प्यार है । दुनिया में बेइंतहां चाहने वाले बहुत कम लोगो को नसीब होते हैं , और जिनके पास ऐसे लोग होते है उनकी जिंदगी इस धरती पर ही जन्नत होती है

aajkal online baat kisi larke se ho v rhi hai to us unjjan aadmi se milne kavi nhi jana chahiye vo v akeli lrki nhi to yahi anjam hoga jo eske sath hua hai

सलोनी ने आज कई दिनों के बाद फेसबुक खोला था, एग्जाम के कारण उसने अपने स्मार्ट फोन से दूरी बना ली थी, फेसबुक ओपन हुआ तो उसने देखा की 35-40 फ्रेंड रिक्वेस्ट पेंडिंग पड़ी थीं, उसने एक सरसरी निगाह से सबको देखना शुरू कर दिया, तभी उसकी नज़र एक लड़के की रिक्वेस्ट पर ठहर गई, उसका नाम राजशर्मा था, बला का स्मार्ट और हैंडसम दिख रहा था अपनी डी पी में, सलोनी ने जिज्ञासावश उसके बारे मे पता करने के लिये उसकी प्रोफाइल खोल कर देखी तो वहाँ पर उसने एक बढ़कर एक रोमान्टिक शेरो शायरी और कवितायें पोस्ट की हुई थीं, उन्हें पढ़कर वो इम्प्रेस हुए बिना नहीं रह पाई, और फिर उसने राज की रिक्वेस्ट एक्सेप्टकर ली, अभी उसे राज की रिक्वेस्ट एक्सेप्ट किये हुए कुछ ही देर हुई होगी की उसके मैसेंजर का नोटिफिकेशनटिंग के साथ बज उठा, उसने चेक करा तो वो राज का मैसेज था, उसने उसे खोल कर देखा तो उसमें राज ने लिखा था " थैंक यू वैरी मच ", वो समझ तो गई थी की वो क्यों थैंक्स कह रहा है फिर भी उससे मज़े लेने के लिये उसने रिप्लाई करा " थैंक्स किसलिये ?" उधर से तुरंत जवाब आया " मेरी रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने के लिये सलोनी ने कोई जवाब नहीं दिया बस एक स्माइली वाला स्टीकर पोस्ट कर दिया और फिर मैसेंजर बंद कर दिया, वो नहीं चाहती थी की एक ही दिन में किसी अनजान से ज्यादा खुल जाये और फिर वो घर के कामों में व्यस्त हो गई, अगले दिन उसने अपना फेसबुक खोला तो उसे राज के मैसेज नज़र आये, राज ने उसे कई रोमान्टिक कवितायें भेज रखीं थीं, उन्हें पढ़ कर उसे बड़ा अच्छा लगा, उसने जवाब में फिर से स्माइली वाला स्टीकर सेंड कर दिया, थोड़ी देर मे ही राज का रिप्लाई आ गया, वो उससे उसके उसकी होबिज़ के बारे मे पूँछ रहा था, उसने राज को अपना संछिप्त परिचय दे दिया, उसका परिचय जानने के बाद राज ने भी उसे अपने बारे मे बताया कि वो एम बीए कर रहा है और जल्दी ही उसकी जॉब लग जायेगी, और फिर इस तरह से दोनों के बीच चैटिंग का सिलसिला चल निकला,सलोनी को अब उसके मेसेज का इंतज़ार रहने लगा था, जिस दिन उसकी राज से बात नहीं हो पाती थी तो उसे लगता जैसे कुछ अधूरापन सा है, राज उसकी ज़िन्दगी की आदत बनता जा रहा था, आज रात फिर सलोनी राज से चैटिंग कर रही थी, इधर-उधर की बात होने के बाद राज ने सलोनी से कहा.. " यार हम कब तक यूंहीं सिर्फ फेसबुक पर बाते करते रहेंगे, यार मै तुमसे मिलना चाहता हूँ, प्लीज कल मिलने का प्रोग्राम बनाओ ना ", सलोनी खुद भी उससे मिलना चाहती थी और एक तरह से उसने उसके दिल की ही बात कह दी थी लेकिन पता नहीं क्यों वो उससे मिलने से डर रही थी, शायद अंजान होने का डर था वो, सलोनी ने यही बात राज से कह दी," अरे यार इसीलिये तो कह रहा हूँ की हमें मिलना चाहिये, जब हम मिलेंगे तभी तो एक दूसरे को जानेंगे " राज ने उसे समझाते हुए मिलने की जिद्द की," अच्छा ठीक है बोलो कहाँ मिलना है, लेकिन मैं ज्यादा देर नहीं रुकुंगी वहाँ " सलोनी ने बड़ी मुश्किल से उसे हाँ की, " ठीक है तुम जितनी देर रुकना चाहो रुक जाना " राज ने अपनी खुशी छिपाते हुए उसे कहा, और फिर वो सलोनी को उस जगह के बारे मे बताने लगा जहाँ उसे आना था, अगले दिन शाम को 6 बजे, शहर के कोने मे एक सुनसान जगह पर एक पार्क, जहाँ पर सिर्फ प्रेमी जोड़े ही जाना पसंद करते थे, शायद एकांत के कारण, राज ने सलोनी को वहीँ पर बुलाया था, थोड़ी देर बाद ही सलोनी वहाँ पहुँच गई, राज उसे पार्क के बाहर गेट के पास अपनी कार से पीठ लगा के खड़ा हुआ नज़र आ गया, पहली बार उसे सामने देख कर वो उसे बस देखती ही रह गई, वो अपनी फोटोज़ से ज्यादा स्मार्ट और हैंडसम था, सलोनी को अपनी तरफ देखता हुआ देखकर उसने उसे अपने पास आने का इशारा करा, उसके इशारे को समझकर वो उसके पास आ गई और मुस्कुरा कर बोली " हाँ अब बोलो मुझे यहाँ किसलिये बुलाया है " 'अरे यार क्या सारी बात यहीं सड़क पर खड़ी-2 करोगी,आओ कार मे बैठ कर बात करते हैं " और फिर राज ने उसे कार मे बैठने का इशारा करके कार का पिछला गेट खोल दिया, उसकी बात सुनकर सलोनी मुस्कुराते हुए कार मे बैठने के लिये बढ़ी, जैसे ही उसने कार मे बैठने के लिये अपना पैर अंदर रखा तो उसे वहाँ पर पहले से ही एक आदमी बैठा हुआ नज़र आया, शक्ल से वो आदमी कहीं से भी शरीफ नज़र नहीं आ रहा था, सलोनी के बढ़ते कदम ठिठक गये, वो पलट कर राज से पूँछने ही जा रही थी की ये कौन है कि तभी उस आदमी ने उसका हाँथ पकड़ कर अंदर खींच लिया और बाहर से राज ने उसे अंदरधक्का दे दिया, ये सब कुछ इतनी तेजी से हुआ की वो संभल भी नहीं पाई, और फिर अंदर बैठे आदमी ने उसका मुँह कसकर दबा लिया ताकि वो चीख ना पाये और उसकेहाँथों को राज ने पकड़ लिया, अब वो ना तो हिल सकती थी और ना ही चिल्ला सकती थी, और तभी कार से दूर खडा एक आदमी कार मे आ के ड्राइविंग सीट पर बैठ गया और कार स्टार्ट करके तेज़ी से आगे बढ़ा दी, और पीछे बैठा आदमी जिसने सलोनी का मुँह दबा रखा था वो हँसते हुए राज से बोला " वाह भाई वाह....... मज़ा आ गया....... आज तो तुमने तगड़े माल पर हाँथ साफ़ करा है.... शबनम बानो इसकी मोटी कीमत देगी " उसकी बात सुनकर उर्फ़ राज मुँह ऊपर उठा कर ठहाके लगा के हँसा, उसे देख कर ऐसा लग रहा था जैसे कोई भेड़िया अपने पँजे मे शिकार को दबोच के हँस रहा हो, और वो कार तेज़ी से शहर के बदनाम इलाके जिस्म की मंडी की तरफ दौड़ी जा रही थी...... ये कोई कहानी नहीं बल्कि सच्चाई है छत्तीसगढ़ की सलोनी । जो मुम्बई से छुड़ाई गई है । ये सलोनी की कहानी उन लड़कियो को सबक देती है जो सोशल मीडिया से अनजान लोगो से दोस्ती कर लेती है और अपनी जिंदगी गवां लेती है । शेयर जरूर करे ताकि कोई और सलोनी ऐसी दलदल में ना फंस जाए.....

jo jinta sanskar dikhata hai utna hi kaam vasna me lupt hota hai or akele me porn video dekhta hai person koin v ho

सेक्स हर कोई करना लेकिन...... सेक्स हर कोई करना चहता है चाहे वह महिला हो या पुरुष। कामुक बातें हर किसी को पसन्द हैं हर कोई कामवासना में लिप्त है। और होगा भी क्यों नहीं यह प्रकृति ने दिया है और स्वाभाविक प्रक्रिया है। सहमति से सेक्स कोई गलत नहीं है और मैं सेक्स को आम क्रियाओं की तरह ही मानती हूं। जो जीवन को, रूह कोआनंदित कर दे वह विषय खराब कैसे हो सकता है। और फिर जिस विषय पर महर्षि वात्स्यान जैसे महान दार्शनिक ने कामसूत्र पुस्तक लिखी हो और विस्तार पूर्वक वर्णन किया हो बह विषय चर्चा के योग्य क्यों नहीं हो सकता वह विषय खराब कैसे हो सकता है सेक्स को अच्छे से किया जाए तो फिर सेक्स सबसे ज्यादा आनंदित करने बाली क्रिया है। लेकिन कुछ लोगऊपर से दिखावा ऐसा करेंगे जैसे सारे संस्कार सिर्फ इन्हीं में कूट कूट कर भर दिए हों। जब कोई सेक्स की बातें करेगा तो बहुत ही संस्कार वान बनेंगे जैसे ये सेक्स करते ही न हों और यदि सच कहूं तो ऐसे ढोंगी लोग ही कामवासना में सबसे ज्यादा लिप्त हैं यही वो लोग हैं जो अकेले में हर रोज पोर्न वीडियो देखते हैं लेकिन सबके सामने बड़े ही मर्यादित बनेंगे। सेक्स एक क्रिया है महान दार्शनिक रजनीश ओशो जी ने कहा है कि जिस प्रकार नहाना धोना,खाना पीना, सोना जागना, एक क्रिया ठीक वैसे ही सेक्स भी एक क्रिया ही है हालाकि ये सिर्फ महिला और पुरुष द्वारा एकांत में करने वाली क्रिया है। लेकिन सेक्स से संबंधित जरूरी जानकारी पर खुलकर बात करने में कोई बुराई नहीं है। इसलिए मैं तो सिर्फ सेक्स ही नहीं जिस विषय पर भी लिखती हूं खुलकर लिखती हूं।सेक्स पर लिखूंगी तो कोई बुराई ही तो देगा इससे ज्यादा और कोई क्या कर सकता है और बुराई तो वैसे भी सहज ही मिल जाती है अच्छे कामों में भी मिल जाती है बुराई तो फिर डर किस बात का।

male or female ka success hone me mind set ka diffirence

अगर पुरुष कमाएगा तो पूरे घर का ख्याल रखेगा। बच्चों की फीस, मम्मी-पापा की दवाइयां, बीवी के खर्चे सब निकालकर अगर कुछ बचेगा तो ख़ुद कुछ खर्च करेगा। अगर महिला कमाएगी तो Hello Mr. I'm An Independent Woman, Understand? मैं अपना खर्चा ख़ुद चला सकती हूं मुझे किसी के सहारे की ज़रूरत नहीं है। वो कहा जाता है न कि मर्द कमाता है तो सबकी ज़रूरतें पूरी करता है और जब महिला कमाती है तो वह सोचती है कि अब उसे किसी की ज़रूरत ही नहीं।

life me mobile ka faltu ka used krna kitna khatrnak hai acche acche riste ko khrab krta hai

कड़कती ठंड की दोपहर में पति के संभोग करने में जो आनंद है वो दुनिया के किसी और काम में नही है, खास तौर पर जब आप की नई नई शादी हुई है, और एक हैंडसम खूब प्यार करने वाला पति मिला हो वो लड़किया इस बात को ज्यादा समझ पाएंगी जिनकी नई नई शादी हुई हो नवम्बर ने मेरी शादी हुई थीं, अच्छा परिवार मिला था प्यार करने वाला पति मिला था दोस्त की तरह एक ननद और 2 जेठानिया मिली थी और पतिदेव तो इतने रोमांटिक की जब मौका मिले जहां मिले शुरू हो जाते थे, उनका कहना था ऐसा करने से प्यार और विश्वास में गहराई आती है, मैं सच बोलूं प्यार विश्वास का तो ज्यादा नहीं पता पर पति रोमांटिक मिल जाए तो जिंदगी में मजे हैं जनवरी का महिना था कड़ाके की ठंड पड़ रही थी, और तकरीबन एक बजे खाना खाकर सभी अपने अपने कमरे में आराम करने गए, मैं और मेरे पतिदेव भी आगया, थोड़ी बात शुरू हुई थी, लेकिन सभी जानते हैं ठंडी में बात कहा से कहा पहुंच जाए कोई नही जातना हम दोनो का भी यही हाल था, जैसे ही कुछ होने वाला था तभी मम्मी जी जोर से बुलाई तुरंत दरवाजा खोला और बाहर चली gyi उन्होंने बोला बरतन ऐसे ही पड़े हैं ये शुभ नही है, जाओ आराम करो आगे से ध्यान देना, मैं साफ कर देती हूं अभी मैने बोला मम्मी आप रहने दीजिए मैं कर देती हूं और मन ही मन में सोचने लगी की इतना अच्छा सीन था फालतू मम्मी जी ने बुला लिया धीरे धीरे मैं जैसे पुरानी होती गई मम्मी मुझे हर चीज पर टोकने लगी, उनका सबसे ज्यादा गुस्सा इस बात पर होता की मैं काम करने ने देरी कर रही हूं जबकि मैं हर काम अपने हिसाब से करती थी धीरे धीरे ये बात जेठानी जी को भी बोल जाने लगी एक दिन सभी को ऑफिस जाना था और ना जाने कैसे इन लोगो के निकलने के समय तक भी नाश्ता और लंच नही बन पाया, इसे सुन मां जी ने हम दोनो लोगो डांट लगाई शाम को जब पतिदेव घर पर आते हैं तो मैंने ये बात बताई, तो वो मेरे ऊपर ही बोलने लगे की तुम्हे ध्यान देना चाहिए, ऑफिस का समय इधर उधर नही हो सकता धीरे धीरे पता नही कैसे शाम का खाना जो पहले 8 बजे तक हो जाता था अब उसे होने में 11 बजने लगा था मां का गुस्सा मेरे और जेठानी पर फूटता की तुम लोगो ने आते ही घर का सारा रूटीन बदल दिया 11 बजे खाने के बाद सोते सोते 1 बज जाता और सुबह उठने में तकलीफ होती फिर नाश्ता बनाने में आलस आता, हम दोनो देवरानी जेठानी इस चक्कर में पड़े रहते की जल्दी से बिना कम मेहनत का खाना बना दिया जाए और इस बात का फस्टरेशन पतिदेव और बड़े भैया में भी देखने को मिलने लगा था, लेकिन गलती कहा हो रही थी समझ में नहीं आरा था धीरे धीरे घर की शांति भी भंग होने लगी, जो आदमी शादी के समय इतना प्यार करता था, वो अब हर सवाल का जवाब चिढ़ के देता है फिर एक सभी चीज की हद हो गईं सास ने हम दोनो से कहा की तुम दोनो अपना फोन मुझे देदो हम दोनो को गुस्सा आता है मैं तो कुछ बोलती नही हूं पर जेठानी जी बोल देती है की मम्मी घर को घर रहने दीजिए इसे जेल मत बनाइए उन्होंने एक ना सुनी और फोन ले लिया और कहा अब से फोन सिर्फ दोपहर 1 बजे से रात को 7 बजे तक मिलेगा हमे अपनी सास का ये रवैया काफी खराब लगा 2 दिन बाद रक्षा बंधन था, मैने मां और पापा से सारी बात बताई जब मैं अपने भाई को राखी बांधने गई थी मेरी मां और भाई भड़क गए और बोले अभी बात करता हूं किसी की पर्सनल चीज को लेने का क्या हक बनता है पापा ने भाई को समझाया और बोला तुम इतने बड़े नही हुए हो जो इसकी सास से ऐसे पेश आओ, फिर पापा मुझे कोने में ले जाते हैं और बोलते हैं बेटा तुम्हारी सास तुमसे उमर में बड़ी है, एक बार उनकी बात मानो आखिर इसमें कुछ सच्चाई हो मैं घर आती हूं और अगले दिन सुबह जल्दी उठ के खाना बनाती हूं समय पर सबको खाना देती हूं और घर के सारे काम भी निपटा देती हूं लगभग 1 महिने बाद मुझे और मेरी जेठानी को ये बात समझ आई की हम दोनो का हाथ धीमा क्यों चल रहा था जो काम पहले 8 बजे होता था वो अब 11 बजे क्यों हो रहा इसके पीछे कारण था मोबाइल, और मोबाइल में भी सबसे खतरनाक चीज चोटी शॉर्ट वीडियो, जो एक के बाद एक देखते जाओ, कैसे समय को खा रही है पता ही नही चलता मैने ये भी देखा की जबसे शॉर्ट देखना बंद किया किसी चीज पे ज्यादा ध्यान टिकने लगा, कोई भी बात काफी जल्दी समझ आने लगी और सबसे बड़ी बात पहले घर का सारा काम कर के 2 बजे खाली होते थे अब 12 बजे हो जाते हैं मुझे और जेठानी जी को इस बात को समझने में समय लगा लेकिन आज 1 साल हो गया है अब सुबह उठ के फोन ना देखना अपने आप में एक अच्छी आदत बन गई है शायद मेरे पापा ये बात जानते थे इस लिए बड़ी सहूलियत से बोल दिया की जो सास बोल रही हैं कुछ दिन कर के देखो हमारे घर में होने वाली कीच कीच खत्म हो गई, अब सोचिए ये शॉर्ट्स कितनी खतरनाक चीज है मेरा जो हाल था वही हाल आज की हर लड़की और लड़के का है, शॉर्ट और रील के चक्कर में जो काम 10 मिनट का है वो 2 घंटे में पूरा होता है यदि आप भी अपने परिवार को ठीक से संभाल नहीं पा रहई हैं या आप को लगता है की समय बहुत जल्दी खत्म हो जाता है और आप सारा दिन कुछ कर नहीं पाते तो मात्र 1 महीने के लिए रील देखना बंद कर दीजिए ये वो मीठा जहर है जो अंदर से दिमाग और और हमारे समय को धीरे धीरे खाता जा रहा है उम्मीद में मेरे इस अनुभव से बहुत से गृहणियों को कुछ फायदा होगा कमेंट कर के ये भी बताएं क्या आपने ये नोटिस किया है की रील दखने से बिना अंदाज का समय नष्ट होता है Note- कृपया पोस्ट चोरी ना करें, बल्कि टैग करने के साथ शेयर करें
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